शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

जीवन का सच ...!!!

एक रोटी - पूरे जीवन का सच 
चटनी लगाओ न लगाओ 
छत पाओ न पाओ 
रिश्तों को जियो न जियो 
यह रोटी पहला और अक्षरशः सच है !!!
- रश्मि प्रभा 

मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

अगर खामोशी हो तो ... !!!

जब सर पर स्‍नेहिल हाथ की जरूरत हो तो अनेक शब्‍द भी कुछ नहीं कर पाते, 
और अगर ख़ामोशी हो तो कई सोच धराशाई हो जाती हैं ... !!!

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 19 दिसंबर 2011

बन्द आँखों के अन्दर ....!!!

जो आँख पर पट्टी  चढ़ाकर दूसरों को देखते हैं 
बन्द आँखों के अन्दर धृतराष्‍ट्र की तरह सिर्फ अपना सोचते हैं 
ऐसे लोगों से बात करना कुरुक्षेत्र का मैदान ही तैयार करना है ....!!!

- रश्मि प्रभा 

शनिवार, 17 दिसंबर 2011

सब ज्ञानी होते हैं ...!!!

होनी जब तक दूसरे के घर तांडव करती है , तब तक सब ज्ञानी होते हैं 
जैसे ही बिजली अपने घर की जाती है सारी बुद्धि भी गुल्ल हो जाती है...!!!
 
- रश्मि प्रभा 

शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011

चिंतन अनिवार्य है ...

कर्ण के भीतर का नफरत उसका स्वभाव नहीं था ...
स्वभाव से विपरीत जब नफरत जन्म ले तो चिंतन अनिवार्य है 
माना - कृष्ण नहीं बन सकते , पर पितामह की तरह समझ तो सकते हो !
 
- रश्मि प्रभा 
 
 

बुधवार, 14 दिसंबर 2011

नाकामयाब कोशिश ...

जिन रिश्तों में सोच नहीं होती  
उनको बनाये रखने की कोशिश महज बेवकूफी है 
और एक नाकामयाब कोशिश ...
 
- रश्मि प्रभा 

मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

असली ज़िन्दगी ....

जो किनारे खड़े रहते है , वे क्या जाने लहरों से जूझना और जीवन को पाना 
असली ज़िन्दगी उनकी है जो मझधार में लहरों से उलझते हैं ...!!!
- रश्मि प्रभा 

सोमवार, 12 दिसंबर 2011

खुदा मिलता है ....!!!

चाह लो तो खुदा मिलता है , 
आकाश मुट्ठी में होता है, 
फिर चाह में कंजूसी कैसी ! 

 - रश्मि प्रभा 

शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

अपना आत्मविश्वास ....!!!

दूसरे का हाथ आपके सर पर हो तो ताकत मिलती है
अपना हाथ दूसरे के सर पर रखते हुए अपना आत्मविश्वास बढ़ता है ...!!! 
 
- रश्मि प्रभा 

गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

एक ही तरीका...!!!

हर फूल का सिंचन एक सा नहीं होता
फिर एक ही तरीका सारे बच्चों पर कैसे असर करेगा ....!!!

- रश्मि प्रभा 

बुधवार, 7 दिसंबर 2011

फैसला सही होगा ...!!!

जिस अदालत में हम खुद को रखते हैं 
उसी अदालत में दूसरों की भी सुनवाई हो तो फैसला सही होगा ...!!! 
- रश्मि प्रभा 

सोमवार, 5 दिसंबर 2011

सराहना के शब्द ....!!!

जब भी कोई अति उत्साह के साथ , मेहनत से कोई
कार्य संपन्न करता है तो हमें सबसे पहले सराहना के

शब्द कहने चाहिए सराहना के शब्द प्रोत्साहित करते हैं ..!!! 

 - रश्मि प्रभा 

शुक्रवार, 2 दिसंबर 2011

सतर्क होना ज़रूरी है ...

जब हमें अपनी समझदारी पर शक न रहे 
तो सतर्क होना ज़रूरी है ...
क्योंकि तब बेवकूफी में कोई कसर नहीं रह जाती 
- रश्मि प्रभा



गुरुवार, 1 दिसंबर 2011

सुर में ज़िन्दगी रहे ...

मैंने ये किया 
तुमने वो किया ...... यह राग हमेशा बेसुरा होता है 
सुर में ज़िन्दगी रहे 
इसके लिए - अपने किये की राह बदल लो 

- रश्मि प्रभा 


मंगलवार, 29 नवंबर 2011

काल्पनिक प्रेम ....

यदि तुम काल्पनिक प्रेम भी जीते हो -
तो तुम्हारी दृढ़ता असीम होगी...!!

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 28 नवंबर 2011

गुलाब को कीचड़ में ....

गुलाब को कीचड़ में 
कमल को काँटों के मध्य रख कर देखो 
क्या वे जीवित रहेंगे ? !
- रश्मि प्रभा 

शनिवार, 26 नवंबर 2011

हम कहाँ जा रहे हैं !

समूह कहाँ जा रहा है 
इससे पहले यह जानना ज़रूरी है 
कि हम कहाँ जा रहे हैं !
 
- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

सोच की डोर ....!!!

खुद को किश्तों में मरते देखने से बेहतर है
सोच की डोर ही काट दो ...!!!
 
- रश्मि प्रभा 

बुधवार, 23 नवंबर 2011

जीने के लिए एहसास ....

कुछ एहसास खरीदे नहीं जा सकते, 
उनको जीने के लिए एहसास होने चाहिए ...!!

- रश्मि प्रभा 

सोमवार, 21 नवंबर 2011

भर जाए तो ...!!!

घड़ा पाप का हो या पुण्य का , दर्द का हो या ख़ुशी का 
भर जाए तो बाहर आने ही लगता है ...!!!
 
- रश्मि प्रभा 

शनिवार, 19 नवंबर 2011

क्‍या फर्क पड़ता है ...

तुम चलो या ठहर जाओ ...
या अपनी किस्‍मत का लेखा-जोखा करो ... समय नहीं ठहरता.
बेहतर है बहीखाते को बन्‍द करो और जिधर धारा मुड़ती है, उसके साथ हो लो ...
सागर मिले या मरू, क्‍या फर्क पड़ता है ... 

- रश्मि प्रभा 

शुक्रवार, 18 नवंबर 2011

चिंतन का अस्तित्व....

चिंतन का अस्तित्व व्यापक है , बिना चिंतन मार्ग चयन संभव नहीं .... 
व्यंग्य हो आवेश हो .... पर चिंतन हो , 
समय  तभी बदलता है !
 - रश्मि प्रभा 

गुरुवार, 17 नवंबर 2011

रिश्ता जोड़ना होता है ....!!!

लहरें कभी हाहाकार करती हैं , कभी शांत आलोड़ित होती हैं .... 
पर जब वो शांत होती हैं तो भी एक हाहाकार मौन होता है . 
उनको समझने के लिए उन लहरों से एक रिश्ता जोड़ना होता है ....!!!
 
- रश्मि प्रभा 


बुधवार, 16 नवंबर 2011

बन्द दरवाजों के आगे ...

सूरज रोज़ आता है , घने स्याह बादल हों तो भी वह रुकता नहीं . 
सूरज कभी नहीं चाहता कि अँधेरे की अवधि बढ़े
फिर हमने क्यूँ बन्द दरवाजों के आगे घुटने टेक दिए हैं ! 
 
- रश्मि प्रभा 

मंगलवार, 15 नवंबर 2011

ध्‍यान ...

ध्यान हमारी सकारात्मक उर्जाओं को शक्तिशाली बनाता है ...
घृणा के भाव पनपते तो हैं पर वे मोक्ष में परिवर्तित होते जाते हैं !
ध्यान हमें क्रिमिनल नहीं बनने देता ...
सत्य कहना और बदला लेना - दो आयाम हैं .
सत्य हमेशा मुक्ति देता है , सत्य पर पर्दा आसक्ति ...
सही ध्यान हमारे अनुपात को बिखरने नहीं देता 
 
- रश्मि प्रभा 

सोमवार, 14 नवंबर 2011

सकारात्मकता पर प्रश्न कहाँ !

अँधेरे जंगल, भयावह आवाजों के बीच से जो रौशनी तक पहुँचे 
उसकी सकारात्मकता पर प्रश्न कहाँ !
 
- रश्मि प्रभा 
 

शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

फैसले का आधार ... !!!

हर बुरे का कोई न कोई पक्ष अच्छा होता है
हर अच्छे का कोई न कोई पक्ष बुरा होता  है ....
फैसले का आधार अधिक का होना चाहिए !!!
 
- रश्मि प्रभा

बुधवार, 9 नवंबर 2011

कुरुक्षेत्र का मैदान ....!!!

सहनशीलता , विनम्रता , उदारता ही 
कुरुक्षेत्र का मैदान तैयार करती है ...!!!

 - रश्मि प्रभा
 

मंगलवार, 8 नवंबर 2011

चिंतन अपेक्षित है...!!!


चीखनेवाला व्यक्ति कभी सही नहीं होता 
नहीं चीखनेवाला व्यक्ति जब चीखता दिखाई दे 
तो चिंतन अपेक्षित है...!!!
 
- रश्मि प्रभा 
 
 

शनिवार, 5 नवंबर 2011

स्‍नेहिल हाथ ....

 जब सर पर स्नेहिल हाथ की ज़रूरत हो तो अनेक शब्द भी कुछ नहीं कर पाते 
और अगर ख़ामोशी हो तो कई सोच धराशाई हो जाती है ...
 
- रश्मि प्रभा 

गुरुवार, 3 नवंबर 2011

प्रभु ने ज्ञान दिया ....

कई बार हमारे संस्‍कार हमें रोकते हैं - ये क्‍यूं कहें, ऐसा क्‍यूं करें ... 
जाने कितने विचार मन में पनपते हैं .
ऐसी ही विचलन की स्थिति में अर्जुन को प्रभु ने ज्ञान दिया . 
तो प्रभु जब घर बनानेवाले को घर में आग लगा देने की स्थिति में लाते हैं... 
तो उसके पीछे अनदेखे कई प्रयोजन होते हैं .... !!

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 1 नवंबर 2011

आप बुरा सोच ही नहीं सकते ...!!!

अगर आप किसी के लिए कमज़ोर हैं तो बेरहम हो सकते हैं 
पर प्यार में आप बुरा सोच ही नहीं सकते ...!!!
- रश्मि प्रभा

शनिवार, 29 अक्तूबर 2011

सही दिखाने की कोशिश ...

खुद को सही दिखाने की कोशिश  बिल्कुल नहीं करनी चाहिए 
 क्योंकि उस कोशिश में वह व्यक्ति अपराधी ही होता जाता है.... 
 
- रश्मि प्रभा 

शुक्रवार, 28 अक्तूबर 2011

दर्द का रिश्ता ...

दर्द का रिश्ता ही असली रिश्ता होता है 
खून के रिश्ते भी वही टिकते हैं जो दर्द से जुड़ते हैं ....
 
- रश्मि प्रभा 

मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

माफ़ी मांगने का अर्थ ....

माफ़ी मांगने का अर्थ है - फिर उस गलती को ना दुहरायें 
माफ़ करने का अर्थ है - फिर उस गलती का हवाला न दें 
दिल से माफ़ी माँगना और माफ़ करना इतना आसान नहीं ..!! 

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

अक्‍सर ...

बुरा बदल जाए तो अच्छी बात है ...
पर अक्सर अच्छे बदल जाते हैं !!!
- रश्मि प्रभा 

शनिवार, 22 अक्तूबर 2011

शहंशाह बनने का मौका ...

यदि तुम खुद को शहंशाह मानकर चलते हो तो तुम जकड जाओगे
पर यदि तुम यह मानकर चलोगे कि ज़िन्दगी ने तुम्हें शहंशाह बनने का मौका दिया है 
तो लचीले बनोगे ...
- रश्मि प्रभा 

शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011

मोह ...

मोह से परे होना कहाँ संभव है
ईश्वर ने निर्माण ही किया है मोह में
 
- रश्मि प्रभा 

गुरुवार, 20 अक्तूबर 2011

प्रयोजन है ईश्‍वर का ...

यदि श्री राम के हर कदम प्रयोजनयुक्‍त थे, पूर्व से तय थे
तो हमारा वर्तमान भी प्रयोजनहीन नहीं
हर कृत्‍य के पीछे प्रयोजन है ईश्‍वर का और पूर्व से तय है 
फिर तो आलोचना ही बन्‍द हो जानी चाहिए ........

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 18 अक्तूबर 2011

मुड़ी तुड़ी मनःस्थिति

जिस तरह कई बार मुड़े तुडे कागज़ से कोई बात मिल जाती है
उसी तरह मुड़ी तुड़ी मनःस्थिति से कविता या कहानी जन्म लेती है ...!!

- रश्मि प्रभा


सोमवार, 17 अक्तूबर 2011

बातों का तथ्‍य ...

जैसे जैसे वक़्त गुजरता है
बड़ों की कही बातों का तथ्य समझ में आने लगता है ...!!!

- रश्मि प्रभा

शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

शिकायत आसान है .....!!!

दूसरों से शिकायत आसान है
पर अपने अन्दर का कारण ढूंढना कठिन है ...!!!

- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2011

मोह से परे ...

जो मोह से परे खुद को सोचते हैं , वे बहुत कुछ हासिल करके भी गरीब होते हैं
ज़िन्दगी शब्दों में वहीँ नमी पाती है - जो आकंठ मोह में डूबे काँटों पर चलते हैं !
- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 13 अक्तूबर 2011

मौन धारण करने में कुशल ..

जवाब देने से जो कतराते हैं
वे मौन धारण करने में कुशल होते हैं ...
- रश्मि प्रभा

बुधवार, 12 अक्तूबर 2011

सुख मिलने से ...

सुख मिलने से असंतोष बढ़ता जाता है...!!!
इसे पढ़ने के बाद यहां अवश् जायें ...
एक साथ कितने विचार...

- रश्मि प्रभा


मंगलवार, 11 अक्तूबर 2011

नारी कमज़ोर नहीं....!!!

नारी कमज़ोर नहीं , कमज़ोर होना उसे मनवाया जाता है
और यह सिलसिला कभी बन्द नहीं होगा ....
उसकी कमजोरी में ही सब अपनी इज्ज़त बाँध देते हैं ...!!!

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 10 अक्तूबर 2011

शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

कई बार नहीं , ज्यादातर ....

कई बार नहीं , ज्यादातर ....
हम अपनी सोच से दूसरे की सोच तय कर
एक निर्णयात्मक मुहर लगा देते हैं
फिर सामनेवाले का कोई व्यवहार
उस मुहर से टस से मस नहीं होता ....!!!

- रश्मि प्रभा


बुधवार, 5 अक्तूबर 2011

मंगलवार, 4 अक्तूबर 2011

खामोशी भी बोलती है ...

कहते हैं , खामोशी भी बोलती है ...
बोलती तो है , पर सामनेवाला अपनी सोच के अनुसार सुनता है !
- रश्मि प्रभा

सोमवार, 3 अक्तूबर 2011

अपनी बात ...

अपनी बात सुनाने के क्रम में हम सोचते ही नहीं
कि सामनेवाला भी कुछ कहना चाहता है....!!!

रश्मि प्रभा


शनिवार, 1 अक्तूबर 2011

फर्क ....

पूरी ज़िन्दगी हम कहते कुछ हैं
पर जब करने की बारी आती है
तो 'मैं ' की गिरफ्त में परेशानियों का चक्रव्यूह बनाते हैं
महारथी बने हम .... खुद को बेरहमी से मार देते हैं
और रोनेवाला ढूंढते हैं ....

- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 30 सितंबर 2011

नर्क का विज्ञापन ....!!!

अहम् को संतुष्ट करनेवाले लोग
नर्क का विज्ञापन करनेवाले होते हैं ...!!!

- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 29 सितंबर 2011

एक पल में ...

एक पल में यदि बहुत कुछ खोता है तो कुछ ऐसा मिलता है
जो अनमोल होता है ...!!!

- रश्मि प्रभा

बुधवार, 28 सितंबर 2011

चाह ही उपयुक्त नहीं थी ....

जो हम चाहते हैं उसके नहीं मिलने पर दुखी हो जाते हैं
यह सोचने की कोशिश ही नहीं करते कि वह चाह ही उपयुक्त नहीं थी ....!!!

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 27 सितंबर 2011

प्‍यार ...

प्यार की न आलोचना हो सकती है न समालोचना
प्यार किसी भी खेल में किसी भी मंच पर हार जीत के लिए नहीं खड़ा होता ...!!!


- रश्मि प्रभा

सोमवार, 26 सितंबर 2011

सपनों की नींव ...!!!

अपने सपनों की नींव होती है
दूसरों से मिले सपने बंजारे होते हैं ...!!!

- रश्मि प्रभा


शनिवार, 24 सितंबर 2011

हौसलों की पगडण्डी ....

बढ़े हुए कदम कभी पीछे नहीं होते
आगे जब कुछ नज़र नहीं आता
तो हौसलों की पगडण्डी बन जाती है...!!!

- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

सिकंदर नहीं होता ........!!

दो मिनट में हवाईमहल,बग़ावत,शिकस्त आसान है
पर वह सिकंदर नहीं होता ........!!

- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 22 सितंबर 2011

प्रशंसा ...

प्रशंसा तो सभी चाहते हैं
करने से प्रायः कतराते हैं ...!!!
- रश्मि प्रभा

बुधवार, 21 सितंबर 2011

कई विकल्प ....

समझदार लोग रिश्ते तोड़ते नहीं
सामनेवाले के पास रिश्ते तोड़ने के
खामोश हो जाने के कई विकल्प देते हैं ....!!!

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 19 सितंबर 2011

खोने का मार्ग ....

हम सिर्फ पाना चाहते हैं
पर तत्परता से खोने का मार्ग खोलते जाते हैं....!!

रश्मि प्रभा

शनिवार, 17 सितंबर 2011

यकीन रखो खुद पर .....!!!

ख़ास जगहों पर मिलते जब कोई तुममें नुक्स निकालता रहे
तो यकीन रखो खुद पर - तुममें कोई खासियत है -.....!!!
- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

आत्मशक्ति का अंदाजा ....

जो खुश रहने का भ्रम देते हैं
उनकी आत्मशक्ति का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता ....!!!

- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 15 सितंबर 2011

हिंदी हमारी मातृभाषा है ....

हिंदी हमारी मातृभाषा है, हमारा गर्व है
क्या करें - दूर के ढोल सुहाने लगते हैं
और उस ढोल पर चाल (स्टाइल) बदल जाती है .....!!!

- रश्मि प्रभा

बुधवार, 14 सितंबर 2011

जीतने की तीव्रता ....

हारना नियति नहीं , एक साधारण मसला है
गौर करनेवाली बात ये है -
कि जब जब तुम हारते हो , तुम्हारे जीतने की तीव्रता बढ़ती जाती है !

- रश्मि प्रभा


मंगलवार, 13 सितंबर 2011

अपनी शक्ति खुद ....

कोई तुम्हारे काँधे पर हाथ रखता है तो तुम्हारा हौसला बढ़ता है
पर जब किसी का हाथ काँधे पर नहीं होता ...
तुम अपनी शक्ति खुद बन जाते हो
और वही शक्ति ईश्वर है ....!!!!

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 12 सितंबर 2011

खुद पर विश्वास ...

किसी के सर पर पाँव रखकर बढ़ने से बेहतर है
खुद पर विश्वास रखकर चलना
ऐसे में गिरने के ,चोट लगने के अपने मायने होते हैं ....!!!
- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 9 सितंबर 2011

हमारी माँग ...!!!

ईश्वर जितना देता है हमारी माँग उतनी ही बढ़ती जाती है
और उसके साथ मायूस शिकायतें भी ...!!!

- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 8 सितंबर 2011

पहचान ...

गिफ्ट देने के ढंग से भी व्यक्ति की पहचान होती है
मिठाई का चयन बता देता है व्यक्ति का स्वभाव ...!!!

- रश्मि प्रभा

बुधवार, 7 सितंबर 2011

अच्छा होना ...

अच्छा होना अच्छी बात है
पर बहुत अच्छा होना घातक है ...!!!!

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 6 सितंबर 2011

दर्द ...

जो प्यार करते हैं
वे दर्द का मज़ाक नहीं बनाते ...

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 5 सितंबर 2011

खूबसूरत जिल्‍द ...

झूठ के खूबसूरत जिल्द में सच ही मौन -
अपने होने का इंतज़ार करता है ......!!!


- रश्मि प्रभा

शनिवार, 3 सितंबर 2011

उचित विकास ...

जिस तरह फूल पौधों के उचित विकास के लिए
समय समय पर काट छांट ज़रूरी है....
ठीक उसी तरह बच्चों को उचित बात सिखाने के लिए ...
समय समय पर डांट ज़रूरी है......!!!!

- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 2 सितंबर 2011

बात ...

बातों को समझने से अधिक
ज्यादातर लोग उस पर बहस करना पसंद करते हैं
क्योंकि उन्हें मालूम है कि बहस के बाद बात ख़त्म हो जाती है !!
- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 30 अगस्त 2011

प्रयास ...

हम तहेदिल से चाहते हैं - सब अच्छा हो जाए
पर उम्मीद दूसरों से कि वे प्रयास करें ...... !

- रश्मि प्रभा


सोमवार, 29 अगस्त 2011

स्वनिर्मित जाल ...

भ्रम तो हमारा स्वनिर्मित जाल है
चूंकि हम खुद की सोच से मुक्त नहीं हो पाते , तो एक भ्रम की रचना कर लेते हैं .!


- रश्मि प्रभा

शनिवार, 27 अगस्त 2011

नदी बनना ....

समंदर बनने की ख्वाहिश लिए
लोग नदी बनना भूल जाते हैं ......!!!

- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 26 अगस्त 2011

कछुए सी निष्ठा ...

जीवन में कछुए सी निष्ठा ही मंजिल तक ले जाती है
अहम् में चूर खरगोश न मंजिल पाता है
न ही उसकी छवि रास आती है ...!!!

- रश्मि प्रभा


बुधवार, 24 अगस्त 2011

साज़ ....

हम अधिकतर ज़िन्दगी को इकतरफे तर्ज़ पर ले जाते हैं
जानते हुए कि इकतरफा साज़ अधूरा होता है .....!!!!

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 23 अगस्त 2011

सिर्फ खोने के लिए ?


कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है ....
सिर्फ खोने के लिए ?

- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

सुकरात ...

सुकरात कोई बनता नहीं
सुकरात तो जन्म लेता है...

- रश्मि प्रभा


गुरुवार, 18 अगस्त 2011

बुरा नहीं सोचते ....

यदि तुम किसी का बुरा नहीं सोचते

तो यकीनन तुम्हें ईसा की तरह सूली ही मिलेगी ....!!!
- रश्मि प्रभा

बुधवार, 17 अगस्त 2011

सत्‍य ....

झूठ द्रुत गति से चलता है , सत्य में ठहराव होता है
झूठ हर दिन नए कलेवर में होता है
सत्य कुम्हलाता ज़रूर है - पर अमर है ....!!!

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 16 अगस्त 2011

शुक्रवार, 12 अगस्त 2011

स्वतंत्रता ....

तुम स्वतंत्र होना चाहते तो हो
पर स्वतंत्रता देना नहीं चाहते ....!!!


- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 11 अगस्त 2011

परिवर्तन ....

परिवर्तन ही जीवन का स्रोत है
सार्थक आत्म परिवर्तन ही स्थापित जीवन का मूल मंत्र है !!
- रश्मि प्रभा

बुधवार, 10 अगस्त 2011

जिंदा रखना ....!!

फूल लगाना और फूलों को जिंदा रखना - दो अलग बात है ...!!

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 9 अगस्त 2011

जो हमें तकलीफ देते है ......

हम उन्हें सज़ा नहीं देते जो हमें तकलीफ देते है
वहाँ तो हम सूक्तियां बोलते हैं
और प्रतिक्रिया में उसे बुरा बोलते हैं
जो हमें प्यार करते हैं ....!!!!

- रश्मि प्रभा


सोमवार, 8 अगस्त 2011

साथ चलते हैं...!!!

हम जिनके लिए ज़िन्दगी होते हैं , उनसे दूर रहते हैं
जिनके लिए हम इक मोहरा होते हैं , उनके साथ चलते हैं...!!!

- रश्मि प्रभा


शनिवार, 6 अगस्त 2011

सच से वाकिफ ....

हम अपने हर सच से वाकिफ होते हैं
पर पलक झपकते उसे झूठ बना देते हैं
और पूरी सच्चाई के साथ उसपे अड़े रहते हैं ...!!!!

- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

बड़ी बातें कहना ...

बड़ी बातें कहना
उन पर चलना ..... दो अलग अलग स्थितियां हैं ......!!!

- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 4 अगस्त 2011

सफल अभिनय ....

जब भी हमें लगता है कि सामनेवाला हमारे सच को समझ रहा है,
हम व्यस्तता का सफल अभिनय शुरू कर देते हैं ....।

- रश्मि प्रभा

बुधवार, 3 अगस्त 2011

चीज ख़राब होने पर .....

अधिकांश लोग चीज ख़राब होने पर उसे फेंक देते हैं
पर किसी ज़रूरतमंद को देने से कतराते हैं .........!!!
- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 2 अगस्त 2011

बड़े से बड़ा यज्ञ ....

यदि किसी को तुम्हारी ज़रूरत हो
तो बड़े से बड़ा यज्ञ भी अधूरा छोड़ना
उसकी पूर्णता है.............!!!

रश्मि प्रभा

सोमवार, 1 अगस्त 2011

अमृत को ....

साँपों के बीच जो रहने लगते हैं
वे उनके विष को ही भोजन बना लेते हैं
और अमृत को पचाने में असक्षम हो जाते हैं ........!!

- रश्मि प्रभा





शनिवार, 30 जुलाई 2011

लक्ष्‍य की नींव ....

लोग कहते हैं जीवन में लक्ष्‍य साधो अर्जुन की तरह,
भावनाओं में मत उलझो पर ..........
भावनाएं ही लक्ष्‍य की नींव होती हैं ........।


- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

चिंतन अपेक्षित है.......

चीखनेवाला व्यक्ति कभी सही नहीं होता
नहीं चीखनेवाला व्यक्ति जब चीखता दिखाई दे
तो चिंतन अपेक्षित है.........
- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 28 जुलाई 2011

टुकड़े टुकड़े ....

एक झूठ कहते कटघरे में खड़ा सच्चा मन
टुकड़े टुकड़े मरता है .........!!

- रश्मि प्रभा


बुधवार, 27 जुलाई 2011

ईश्वर को ....

जिससे हम प्यार करते हैं उससे कहा गया झूठ
ईश्वर को खंडित कर जाता है...।।

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 26 जुलाई 2011

ज़िन्दगी देनेवाला .....

ज़िन्दगी देनेवाला व्यक्ति कभी भी खुद को
असुरक्षित नहीं महसूस करता......!!


- रश्मि प्रभा


सोमवार, 25 जुलाई 2011

सही होकर भी ....

खूनी प्रवृति को कभी पश्चाताप नहीं होता ,
पर क्षण विशेष में - प्रत्युत्तर में दी गई गाली , उठाया हुआ हाथ -
अपने अन्दर सही होकर भी मरता रहता है !


- रश्मि प्रभा

शनिवार, 23 जुलाई 2011

शुक्रवार, 22 जुलाई 2011

दो नाव पर ....

दो नाव पर पैर रखकर चलनेवाले व्यक्ति का
कोई व्यक्तित्व नहीं होता ......

- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 21 जुलाई 2011

अपना वही है..

झंझावातों में भी जो साथ खड़ा हो
सच वही है अपना वही है.....!!

- रश्मि प्रभा


बुधवार, 20 जुलाई 2011

अभाव का स्‍वाद ....

अगर तुमने जीवन में अभाव का स्‍वाद नहीं चखा

अगर निर्णय में रोज परिवर्तन हो

तो खुद को शक से देखना उचित होगा

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 19 जुलाई 2011

प्‍यार की बात पर ....

अहसानों के बोझ तले डालने वाले पैसे से खुशियां खरीदने वाले
प्‍यार की बात पर मुंह बिचकाते हैं ..............!!

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 18 जुलाई 2011

सहजता से ....

जिस बात को सहजता से बताया न जा सके,
वह बात या तो गलत है ...
या फिर धोखे की पृष्‍ठभूमि ...।

- रश्मि प्रभा




शनिवार, 16 जुलाई 2011

बड़ी बड़ी बातें ....

हम बड़ी बड़ी बातें तो करते हैं
पर विवादों से डरते हैं .....।


- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

गुरुवार, 14 जुलाई 2011

मान - अपमान ....

मान क्या है अपमान क्या है
इसे समझना ज्यादा ज़रूरी है....

- रश्मि प्रभा

बुधवार, 13 जुलाई 2011

चक्रव्यूह ...

अभिमन्यु बनने की चाह रखने से पहले
चक्रव्यूह बनानेवाले अपनों को पहचान लो ...।

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 12 जुलाई 2011

ख्‍वाहिश रखो ...

आसमान पाने की ख्वाहिश रखो
धरती की उपेक्षा मत करो...!!

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 11 जुलाई 2011

अँधेरे में ...

व्यथा सुन लोगों का इठलाना उनकी फितरत है
जो अँधेरे में पड़ जाते है वे 'बचाओ, बचाओ' कहते ही हैं ...

- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 8 जुलाई 2011

सही समझते हैं ....

जो तुम्हें शुरू से गलत मानते हैं .....
उनकी निगाह में खुद को सही साबित करने की प्रक्रिया में
तुम उन्हें न खो दो जो तुम्हें सही समझते हैं !


- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 7 जुलाई 2011

हाथ धोया नहीं धोया ....












गंगा तो बहती रही है बहती रहेगी
बहती गंगा में किसने हाथ धोया नहीं धोया
इस बात से वह उदासीन होती है .....
पर जिस दिन वह देखती है -
फिर या तो कहर लाती है
या फिर दिशा बदल लेती है .... !!

- रश्मि प्रभा

बुधवार, 6 जुलाई 2011

जो प्‍यार करते हैं ....

जो प्यार करते हैं वे सबसे अलग दिखाई देते हैं
उनको किसी पहचान पत्र की ज़रूरत नहीं ....!!

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 5 जुलाई 2011

दर्द से उदासीन ....

आराम से सोने के लिए दर्द से उदासीन हो जाना
किसी क्राइम से कम नहीं ............!
- रश्मि प्रभा

सोमवार, 4 जुलाई 2011

जीतने की मंशा ...

जब तक हम किसी से जीतने की मंशा में होते हैं
किसी को नीचा दिखाने में लगे रहते हैं -
.........राह तो नहीं ही मिलती
मिले रास्ते भी गुम हो जाते हैं ...।
- रश्मि प्रभा

शनिवार, 2 जुलाई 2011

कमल का सौन्दर्य ...

कीचड़ के मध्य भी कमल का सौन्दर्य बरकरार रहता है
क्योंकि वह उससे दुनियादारी के लिए खेलता नहीं ....
- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 1 जुलाई 2011

सहज रखने के क्रम में ...

हम खुद को सहज रखने के क्रम में या अति करते हुये
सामने वाले को इतना महत्‍वपूर्ण बना देते हैं कि
उनकी आंखों के साथ-साथ् खुद की नजरों में भी हल्के हो जाते हैं ....


- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 30 जून 2011

चयन आपके हाथ ....

सही और गलत का चयन आपके हाथ होता है
इसमें विवशता लाना
पूरी ज़िन्दगी को गुमराह करना है....

- रश्मि प्रभा

बुधवार, 29 जून 2011

ऐसे में प्यार ....

अगर आप किसी से प्यार करते हैं
तो उसे हर स्थिति से समझौता करना न सिखाएं
ऐसे में प्यार मर जाता है और वह व्यक्ति भी...

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 28 जून 2011

हर एक को ....

हर एक को खुश रखने की प्रक्रिया हमेशा असफल होती है ....

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 27 जून 2011

कर्तव्‍य निभाना ....

असहज भाव से कर्तव्य निभाना
रिश्तों को बोझ बनाना होता है ....

- रश्मि प्रभा

शनिवार, 25 जून 2011

खुद के लिए ....

खुद के लिए अगर जीना नहीं आया तो
दूसरों के लिए जीना आसान नहीं ....


- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 24 जून 2011

बिकता है ...

हर आदमी बिकता है ...
कोई पैसे के लिये
कोई इज्‍ज्‍त के लिये, कोई प्‍यार के लिये ....


- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 23 जून 2011

आपसी समझ ...

किसी मुकाम के लिए
आपसी समझ का होना नितांत ज़रूरी है ...

- रश्मि प्रभा

बुधवार, 22 जून 2011

विनम्रता ...

अगर विनम्रता न हो तो
कोई सफलता बरकरार नहीं रहती ...

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 21 जून 2011

परिवर्तन की संभावनाएं ...

मन के झंझावात यदि ख़त्म हो जाएँ

तो परिवर्तन की संभावनाएं ख़त्म हो जाएँ ...

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 20 जून 2011

लेकिन ....

नकारात्मक विचार अन्दर का भय है , जो स्वाभाविक है

उससे उबरने के लिए उसके आगे 'लेकिन' जोड़ दें

यह 'लेकिन' आपकी सोच को दिशा देगी ....

- रश्मि प्रभा

शनिवार, 18 जून 2011

पर्यायवाची ...

ईश्वर उनके घर होता है जहाँ सत्य होता है

तात्पर्य यह कि ईश्वर और सत्य एक दूजे के पर्यायवाची हैं ...

- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 17 जून 2011

फर्क ....

अंधविश्वास और ईश्वर में फर्क है ...
ईश्वर बस विश्वास है


- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 16 जून 2011

शांतिप्रिय ....

जिनकी ज़िन्दगी में पैसा ही मायने रखता है

वे किसी भी हद तक छल करते हैं

पर जिनके लिए सम्मान मायने रखता है

वे शांतिप्रिय होते हैं ....


- रश्मि प्रभा

बुधवार, 15 जून 2011

मुख्‍य तथ्‍य ....

जो गलत होते हैं वे इधर उधर की बातों में उलझाकर

मुख्य तथ्य से अलग कर देते हैं .... ।


- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 14 जून 2011

अपना बचाव ...

अक्सर लोग खुद को निरीह और दूसरों को
दोषारोपित करके अपना बचाव करते हैं ....!


- रश्मि प्रभा

सोमवार, 13 जून 2011

समर्पण ...

बिना विश्वास प्रेम संभव नहीं

बिना प्रेम समर्पण संभव नहीं ....

- रश्मि प्रभा





शुक्रवार, 10 जून 2011

गुरुवार, 9 जून 2011

बुधवार, 8 जून 2011

आध्‍यात्‍म ...

जहाँ सारे तर्क ख़त्म हो जाते हैं,
वहाँ से आध्यात्म शुरू होता है ...

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 7 जून 2011

'' ईश्‍वर ''

जब हम दिमाग से ही हर काम करने लगते हैं तो ईश्‍वर
वहां से चल देते हैं क्‍यों‍कि ईश्‍वर मन का ही प्रतिरूप हैं .....


- रश्मि प्रभा

सोमवार, 6 जून 2011

अनुभवों की तिजोरी ...

जब हम हार कर बैठ जाते हैं तब ईश्‍वर उठकर चलाता है हमें
और अनुभवों की तिजोरी देता है .....


- रश्मि प्रभा

शनिवार, 4 जून 2011

सार से वंचित ....

क्या खोया क्या पाया ... इस जोड़ घटाव में
हम लम्बी लम्बी बातें करते हैं , पर सार से वंचित होते हैं ....


- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 3 जून 2011

मंथन में अमृत ....

ईश्वर ने मंथन में अमृत लिया और उसके लिए पूरी सूझबूझ अपनाई
यदि हम तब भी नहीं सीखते तो यह हमारी नियति नहीं
स्वनिर्मित दुर्भाग्य है ....


- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 2 जून 2011

भावनाओं का समर्पण ...

अगर तुमने भावनाओं का समर्पण नहीं किया
भावनाओं का समर्पण नहीं लिया तो
पैसे से खरीदकर खुद को बेचकर
तुम न सुकून पा सकते हो न ईश्‍वर ...


- रश्मि प्रभा

बुधवार, 1 जून 2011

येन-केन प्रकारेण .....

जिसने अपने किये को येन-केन प्रकारेण बता ही दिया
तो वह किया मिट्टी में मिल जाता है ... ।


- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 31 मई 2011

ढाल ....

दु:ख की नाव से उतरकर जब हम बीज लगाते हैं आने वाले कल के लिये
तो वह नाव ही ढाल बनती है ... ।


- रश्मि प्रभा

सोमवार, 30 मई 2011

बाज़ी ....

कौन राजा बनता है कौन रंक ... यह कहाँ तय होता है
आज मैं बराबर नहीं कल तुम बराबर नहीं होगे.....
बाज़ी तो बदलती जाती है !

- रश्मि प्रभा

शनिवार, 28 मई 2011

समय ...

समय से ज़िन्दगी जीना ज़रूरी है
तो समय से मर जाना भी ज़रूरी है ( हाँ यह अपने हाथ में नहीं होता ) .
मोह का बंधन तो फांसी की तरह लटका होता है ,
अपने हाथ में कुछ नहीं होता , पर यदि इस ज़रूरत को
हम दिल दिमाग से स्वीकार कर लें
तो इधर-उधर की निरर्थक चिंताओं से खुद को परे कर सकते हैं !


- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 27 मई 2011

संस्कार ....

झूठ की दीवारें लांघकर जो संस्कार सिखाते हैं
उनके शब्द कभी जिए हुए नहीं होते....

- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 26 मई 2011

दर्द में ...

वहम तोड़ने के लिए ईश्वर जो करता है
वह खुद भी उस दर्द में सो नहीं पाता ...


- रश्मि प्रभा

बुधवार, 25 मई 2011

लोहा ....

चोट खाकर कोई अपाहिज हो जाता है
शरीर दिल और दिमाग - तीनों से
पर कोई लोहा बन जाता है ...
तुम पर है चयन !

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 24 मई 2011

ईश्वर हमेशा साथ ...

जब बाहर अँधेरा होता है तो भीतर आशाओं के दीप जलते हैं
जब भीतर अँधेरा होता है बाहर ज़िन्दगी गीत सुनाती है
तात्पर्य यह कि ईश्वर हमेशा साथ होता है....!!

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 23 मई 2011

अहम भूमिका ....

दुनिया के सारे कार्य प्रभु की मर्जी से नहीं होते,
शैतान की भी अहम भूमिका होती है .........।।


- रश्मि प्रभा

शनिवार, 21 मई 2011

चलते रहिए ...

अगर रास्‍ता खूबसूरत है तो पता कीजिए
किस मंजिल तक जाता है
लेकिन अगर मंजिल खूबसूरत है
तो रास्‍ते की परवाह मत कीजिए चलते रहिए .... ।


- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 20 मई 2011

खुद को बधाई दो ...

अपनी सफलता पर खुद को बधाई दो,
और अगली सफलता की तैयारी करो,
लोगों को बेईमानी, और ईर्ष्‍या से फुर्सत नहीं ...।


- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 19 मई 2011

सहनशील बनो ...

विनम्र बनो, कमजोर नहीं
सहनशील बनो, कायर नहीं ...।।


- रश्मि प्रभा

बुधवार, 18 मई 2011

सोच रखा है ....

अगर प्रभु ने देना सोच रखा है तो
कोई कितना छीन सकता है .....!!


- रश्मि प्रभा

सोमवार, 16 मई 2011

गुरुवार, 12 मई 2011

ख्‍वाहिशें ...

जो सिर्फ पाना चाहते हैं उनकी ख्‍वाहिशें सुरसा की तरह मुंह फैलाये रखती हैं
और उन्‍हें ही हमेशा शिकायत रहती है ....

- रश्मि प्रभा

बुधवार, 11 मई 2011

क्षितिज का सत्य ..

क्षितिज की असाधारण छवि का साधारणीकरण
कोई मूर्ख ही कर सकता है
क्षितिज का सत्य
सिर्फ क्षितिज जानता है ...!!

- रश्मि प्रभा


मंगलवार, 10 मई 2011

वह मां ....

वह पिता जो खुद में देवदार हो
उसे किसी के काँधे की ज़रूरत नहीं होती
वह माँ
जिसकी पूरी ज़िन्दगी उसके बच्चे हो
उसके चेहरे पर उनकी हथेलियाँ होती हैं
ताकि कभी आँखों में नमी न हो !

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 9 मई 2011

छल का परिणाम ....

छल करने वाले भूल जाते हैं कि
हर छल का परिणाम कुरूक्षेत्र होता है ....!!


- रश्मि प्रभा

शनिवार, 7 मई 2011

निर्माण का अभिषेक ....

जिस तरह तुम आंखे बन्‍द करके अपने आराध्‍य की अर्चना करते हो,
उसी तर‍ह ईश्‍वर आंखे बन्‍द कर निर्माण का अभिषेक करता है ...।


- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 6 मई 2011

मीनमेख....

जो कुछ नहीं करते वे हमेशा मीनमेख निकालते हैं,
और करने वाले कटघरे में खड़े होते हैं .....!!


- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 5 मई 2011

असफलता का दोष ...

पनी असफलता का दोष दूसरे को देकर
व्यक्ति क्या वाकई निश्चिन्त हो जाता है ... ?


- रश्मि प्रभा

बुधवार, 4 मई 2011

खुद पर भरोसा ....

रोने का दिल करे तो रोवो
जिस तरह खुलकर हँसते हो न
उसी तरह खुलकर रोवो
हाँ साथ ही अपने आंसू पोछना भी सीखो
क्योंकि आंसू पोछने कोई नहीं आता
पर जब खुद पर भरोसा करने लगोगे
तो ईश्वर उन आंसुओं को मोती बना देगा
अपनी हथेली में भरकर ....!!

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 3 मई 2011

आंतरिक छवि ...

अपनी बाह्य छवि को बचाए रखने के कदम
आंतरिक छवि को धूमिल करते जाते हैं ...!!

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 2 मई 2011

वक्‍त ...

मूर्ख बनानेवाला अपनी काबिलियत पर मुस्कुराता है
वक़्त उस पर मुस्कुराता है.....!!

- रश्मि प्रभा

शनिवार, 30 अप्रैल 2011

बात के आधार पर ....

बात छोटी हो सकती है
पर उसे कहने का अंदाज भयानक हो सकता है
तो सिर्फ बात के आधार पर राय कायम करना उचित नहीं ...

- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011

भीड़ में गुम ....

बिना सच जाने जो शोर में अपनी आवाज़ मिला देते हैं
वे भीड़ में गुम भी हो जाते हैं ....!!


- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

खुद का साथ ....

वक़्त उसीका साथ देता है,
जो खुद का साथ देते हैं ...!!


- रश्मि प्रभा

बुधवार, 27 अप्रैल 2011

रेगिस्तान की प्यास ....

यदि तुमने रेगिस्तान की प्यास को झेला है
तो तुम हार नहीं सकते ... !!


- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

वक़्त उन्हें भी ...

अपने पराये की लकीर जो खींचते हैं , वे भूल जाते हैं
कि वक़्त उन्हें भी पराया करता जाता है .....!!

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 25 अप्रैल 2011

मंजिल करीब नहीं ....

मात्र चाहने से मंजिल करीब नहीं आती
उसके लिए कदम बढ़ाने पड़ते हैं ...!!

- रश्मि प्रभा

शनिवार, 23 अप्रैल 2011

साहस कर सकते थे ....

लोग दुखी हैं क्योंकि उन्होंने हर मामले में समझौता किया
वे जानते हैं कि वे साहस कर सकते थे लेकिन कायर सिद्ध हुए !!

- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

अनुपात ज़रूरी है ...

जीवन में अनुपात ज़रूरी है
यहाँ तक कि रिश्तों में भी !!

- रश्मि प्रभा

बुधवार, 20 अप्रैल 2011

चक्रव्यूह ...

घातक चालें अक्सर अपने ही चलते हैं
चक्रव्यूह भी वही बनाते हैं ....!!

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 19 अप्रैल 2011

कुम्हार का हाथ ....

सही है बच्चों को जिस सांचे में ढालो , वैसा ही रूप लेते हैं
पर कई बार कुम्हार का हाथ चाक से फिसल जाता है ....!!

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 18 अप्रैल 2011

देवदार की तरह ....

अगर तुम चाहते हो नई पीढ़ी देवदार बने
तो खुद को देवदार की तरह रखो ...!!

- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011

आंखे बन्‍द कर ...

प्‍यार आंखे बन्‍द रखता है
पर जिसे प्‍यार करता है,
उसे आंखे बन्‍द कर चलना नहीं सिखाता .....!!


- रश्मि प्रभा

बुधवार, 13 अप्रैल 2011

ईश्वर का आशीष ....

अन्धेरा ईश्वर का आशीष है
अँधेरे के बीच ही इन्सान प्रकाश लाने को तत्पर होता है ...!!


- रश्मि प्रभा

सोमवार, 11 अप्रैल 2011

अंगूठे की अहमियत ...

एकलव्य बनने से पहले
अपने अंगूठे की अहमियत जानो .... !!

- रश्मि प्रभा