रविवार, 29 जनवरी 2012
असली नहीं लगते ..
जब हम मुखौटों में जीने लगते हैं,
तो असली चेहरे भी असली नहीं लगते ...
- रश्मि प्रभा
सोमवार, 23 जनवरी 2012
चिंगारी से कम नहीं ...
कभी शब्द छोटे-छोटे नज़र आते हैं,
पर इनके मायने
राख के ढेर में दबी चिंगारी से कम नहीं ...
- रश्मि प्रभा
शुक्रवार, 20 जनवरी 2012
सब गुरू बन जाते हैं ....
हत्या चोरी झूठ की परिभाषा सब जानते हैं,
चश्मदीद गवाह बदल जाते हैं
पर किसी मासूम की भूख से बेपरवाह
सब गुरू बन जाते हैं ....
- रश्मि प्रभा
बुधवार, 18 जनवरी 2012
अपनी नज़र ...
यदि अपनी नज़र में सही होना था,
तो हम आपके अपने कभी नहीं होते ..
- रश्मि प्रभा
सोमवार, 16 जनवरी 2012
सबकी अपनी सोच ....
जीवन का कोई भी पक्ष हो, सबकी अपनी सोच होती है,
व्याख्या करो तो कुछ न कुछ सार निकल ही आएगा,
क्योंकि व्याख्या भी तो अपनी-अपनी होती है.....
- रश्मि प्रभा
शुक्रवार, 13 जनवरी 2012
झूठ के पेड़ पर सत्य के फल ...
सत्य कड़वा तब होता है
जब बुनियाद झूठ की हो
अचानक झूठ के पेड़ पर
सत्य के फल आ जाएँ
तो वह अपना स्वभाव नहीं छोड़ता
सर्प विष में पगा मीठा फल विषैला ही होता है ...
- रश्मि प्रभा
बुधवार, 11 जनवरी 2012
वह अमृत होगा ...
सत्य को जितना तरशोगे
तुम्हारे भीतर का अँधेरा उतना ही कोसों दूर होगा
तुम जो भी अपने हाथ से दोगे
वह अमृत होगा -
- रश्मि प्रभा
सोमवार, 9 जनवरी 2012
तुम सत्य बोलो ..... !!!
सत्य कड़वा होता है
पर नीम के पत्ते सा असर करता है,
बस ज़रूरी है कि तुम सत्य बोलो ..... !!!
- रश्मि प्रभा
शुक्रवार, 6 जनवरी 2012
इश्क का नशा ...
इश्क का नशा किसी भी नशे से बढ़कर चढ़ता है,
कितना भी निम्बू इमली खिलाओ,
नशा उतरता नहीं ....!!!
- रश्मि प्रभा
बुधवार, 4 जनवरी 2012
भूखे पेट भी ....!!!
रात में जब नींद नहीं आती तो भी सुबह हो जाती है ,
भूखे पेट भी नींद आ ही जाती है -
गिरकर , उठकर आदमी साँसों को जी ही लेता है .!!!
- रश्मि प्रभा
सोमवार, 2 जनवरी 2012
अहम् प्रबल हो तो ...!!!
मिनटों में गिले शिकवे दूर करने के लिए...
अपनी गलतियों को स्वीकार करना चाहिए तभी खाई मिटती है -
अहम् प्रबल हो तो सब व्यर्थ है , क्योंकि तब सिर्फ झूठी सफाई होती है !
- रश्मि प्रभा
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