मंगलवार, 30 अगस्त 2011
प्रयास ...
हम तहेदिल से चाहते हैं - सब अच्छा हो जाए
पर उम्मीद दूसरों से कि वे प्रयास करें ...... !
- रश्मि प्रभा
सोमवार, 29 अगस्त 2011
स्वनिर्मित जाल ...
भ्रम तो हमारा स्वनिर्मित जाल है
चूंकि
हम
खुद की सोच से मुक्त नहीं हो पाते , तो एक भ्रम की रचना कर लेते हैं .!
- रश्मि प्रभा
शनिवार, 27 अगस्त 2011
नदी बनना ....
समंदर बनने की ख्वाहिश लिए
लोग नदी बनना भूल जाते हैं ......!!!
- रश्मि प्रभा
शुक्रवार, 26 अगस्त 2011
कछुए सी निष्ठा ...
जीवन में कछुए सी निष्ठा ही मंजिल तक ले जाती है
अहम् में चूर खरगोश न मंजिल पाता है
न ही उसकी छवि रास आती है ...!!!
- रश्मि प्रभा
बुधवार, 24 अगस्त 2011
साज़ ....
हम
अधिकतर
ज़िन्दगी
को
इकतरफे
तर्ज़
पर
ले
जाते
हैं
जानते
हुए
कि
इकतरफा
साज़
अधूरा
होता
है
.....!!!!
- रश्मि प्रभा
मंगलवार, 23 अगस्त 2011
सिर्फ खोने के लिए ?
कुछ
पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है ....
सिर्फ खोने के लिए ?
- रश्मि प्रभा
शुक्रवार, 19 अगस्त 2011
सुकरात ...
सुकरात कोई बनता नहीं
सुकरात तो जन्म लेता है...
- रश्मि प्रभा
गुरुवार, 18 अगस्त 2011
बुरा नहीं सोचते ....
यदि तुम किसी का बुरा नहीं सोचते
तो यकीनन तुम्हें ईसा की तरह सूली ही मिलेगी ....!!!
- रश्मि प्रभा
बुधवार, 17 अगस्त 2011
सत्य ....
झूठ द्रुत गति से चलता है , सत्य में ठहराव होता है
झूठ हर दिन नए कलेवर में होता है
सत्य कुम्हलाता ज़रूर है - पर अमर है ....!!!
- रश्मि प्रभा
मंगलवार, 16 अगस्त 2011
जुनून ....
कुछ पाने के लिए एक जुनून होना चाहिए ...!!!!
- रश्मि प्रभा
शुक्रवार, 12 अगस्त 2011
स्वतंत्रता ....
तुम
स्वतंत्र होना चाहते तो हो
पर
स्वतंत्रता
देना नहीं चाहते
....!!!
- रश्मि प्रभा
गुरुवार, 11 अगस्त 2011
परिवर्तन ....
परिवर्तन ही जीवन का स्रोत है
सार्थक आत्म परिवर्तन ही स्थापित जीवन का मूल मंत्र है !!
- रश्मि प्रभा
बुधवार, 10 अगस्त 2011
जिंदा रखना ....!!
फूल लगाना और फूलों को जिंदा रखना - दो अलग बात है ...!!
- रश्मि प्रभा
मंगलवार, 9 अगस्त 2011
जो हमें तकलीफ देते है ......
हम उन्हें सज़ा नहीं देते जो हमें तकलीफ देते है
वहाँ तो हम सूक्तियां बोलते हैं
और प्रतिक्रिया में उसे बुरा बोलते हैं
जो हमें प्यार करते हैं ....!!!!
- रश्मि प्रभा
सोमवार, 8 अगस्त 2011
साथ चलते हैं...!!!
हम जिनके लिए ज़िन्दगी होते हैं , उनसे दूर रहते हैं
जिनके लिए हम इक मोहरा होते हैं , उनके साथ चलते हैं...!!!
- रश्मि प्रभा
शनिवार, 6 अगस्त 2011
सच से वाकिफ ....
हम अपने हर सच से वाकिफ होते हैं
पर पलक झपकते उसे झूठ बना देते हैं
और पूरी सच्चाई के साथ उसपे अड़े रहते हैं ...!!!!
- रश्मि प्रभा
शुक्रवार, 5 अगस्त 2011
बड़ी बातें कहना ...
बड़ी बातें कहना
उन पर चलना ..... दो अलग अलग स्थितियां हैं ......!!!
- रश्मि प्रभा
गुरुवार, 4 अगस्त 2011
सफल अभिनय ....
जब भी हमें लगता है कि सामनेवाला हमारे सच को समझ रहा है,
हम व्यस्तता का सफल अभिनय शुरू कर देते हैं ....।
- रश्मि प्रभा
बुधवार, 3 अगस्त 2011
चीज ख़राब होने पर .....
अधिकांश लोग चीज ख़राब होने पर उसे फेंक देते हैं
पर किसी ज़रूरतमंद को देने से कतराते हैं .........!!!
- रश्मि प्रभा
मंगलवार, 2 अगस्त 2011
बड़े से बड़ा यज्ञ ....
यदि किसी को तुम्हारी ज़रूरत हो
तो बड़े से बड़ा यज्ञ भी अधूरा छोड़ना
उसकी पूर्णता है.............!!!
रश्मि प्रभा
सोमवार, 1 अगस्त 2011
अमृत को ....
साँपों के बीच जो रहने लगते हैं
वे उनके विष को ही भोजन बना लेते हैं
और अमृत को पचाने में असक्षम हो जाते हैं ........!!
- रश्मि प्रभा
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