सोमवार, 30 जून 2014

चिंतन

तूफ़ान की तरह उठापटक करते आते हैं विचार,
मन के दरवाज़े को पीटते हैं 
मस्तिष्‍क के कोनों से कई ख्‍याल उड़ा ले जाते हैं
जब तक वेग रूकता है
............. एक सन्‍नाटा होता है
और उस सन्‍नाटे की सोच अलग होती है उस तूफ़ान से 

- रश्मि प्रभा 

शुक्रवार, 20 जून 2014

चिंतन ....

किसी के आगे इतना मत झुको कि अपनी पहचान न रहे,
न ही किसी को इतना झुकाओ कि तुम तानाशाह लगने लगो .... 


- रश्मि प्रभा 

मंगलवार, 10 जून 2014

चिंतन ....


यही इंगित बड़ी बात है कि जिस पेड़ पर अधिक फल होते हैं .... 
पत्‍थर उसी पर बरसते हैं
पत्‍थर ही आपके प्राप्‍य का मेडल है :)

- रश्मि प्रभा







रविवार, 1 जून 2014

चिंतन ...

किसी की प्रगति यदि हज़म हो जाए
फिर कॉम्पिटिशन ही नहीं रह जाए ।

- रश्मि प्रभा