तूफ़ान की तरह उठापटक करते आते हैं विचार,
मन के दरवाज़े को पीटते हैं
मस्तिष्क के कोनों से कई ख्याल उड़ा ले जाते हैं
जब तक वेग रूकता है
............. एक सन्नाटा होता है
और उस सन्नाटे की सोच अलग होती है उस तूफ़ान से
- रश्मि प्रभा
मन के दरवाज़े को पीटते हैं
मस्तिष्क के कोनों से कई ख्याल उड़ा ले जाते हैं
जब तक वेग रूकता है
............. एक सन्नाटा होता है
और उस सन्नाटे की सोच अलग होती है उस तूफ़ान से
- रश्मि प्रभा