मंगलवार, 29 नवंबर 2011

काल्पनिक प्रेम ....

यदि तुम काल्पनिक प्रेम भी जीते हो -
तो तुम्हारी दृढ़ता असीम होगी...!!

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 28 नवंबर 2011

गुलाब को कीचड़ में ....

गुलाब को कीचड़ में 
कमल को काँटों के मध्य रख कर देखो 
क्या वे जीवित रहेंगे ? !
- रश्मि प्रभा 

शनिवार, 26 नवंबर 2011

हम कहाँ जा रहे हैं !

समूह कहाँ जा रहा है 
इससे पहले यह जानना ज़रूरी है 
कि हम कहाँ जा रहे हैं !
 
- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

सोच की डोर ....!!!

खुद को किश्तों में मरते देखने से बेहतर है
सोच की डोर ही काट दो ...!!!
 
- रश्मि प्रभा 

बुधवार, 23 नवंबर 2011

जीने के लिए एहसास ....

कुछ एहसास खरीदे नहीं जा सकते, 
उनको जीने के लिए एहसास होने चाहिए ...!!

- रश्मि प्रभा 

सोमवार, 21 नवंबर 2011

भर जाए तो ...!!!

घड़ा पाप का हो या पुण्य का , दर्द का हो या ख़ुशी का 
भर जाए तो बाहर आने ही लगता है ...!!!
 
- रश्मि प्रभा 

शनिवार, 19 नवंबर 2011

क्‍या फर्क पड़ता है ...

तुम चलो या ठहर जाओ ...
या अपनी किस्‍मत का लेखा-जोखा करो ... समय नहीं ठहरता.
बेहतर है बहीखाते को बन्‍द करो और जिधर धारा मुड़ती है, उसके साथ हो लो ...
सागर मिले या मरू, क्‍या फर्क पड़ता है ... 

- रश्मि प्रभा 

शुक्रवार, 18 नवंबर 2011

चिंतन का अस्तित्व....

चिंतन का अस्तित्व व्यापक है , बिना चिंतन मार्ग चयन संभव नहीं .... 
व्यंग्य हो आवेश हो .... पर चिंतन हो , 
समय  तभी बदलता है !
 - रश्मि प्रभा 

गुरुवार, 17 नवंबर 2011

रिश्ता जोड़ना होता है ....!!!

लहरें कभी हाहाकार करती हैं , कभी शांत आलोड़ित होती हैं .... 
पर जब वो शांत होती हैं तो भी एक हाहाकार मौन होता है . 
उनको समझने के लिए उन लहरों से एक रिश्ता जोड़ना होता है ....!!!
 
- रश्मि प्रभा 


बुधवार, 16 नवंबर 2011

बन्द दरवाजों के आगे ...

सूरज रोज़ आता है , घने स्याह बादल हों तो भी वह रुकता नहीं . 
सूरज कभी नहीं चाहता कि अँधेरे की अवधि बढ़े
फिर हमने क्यूँ बन्द दरवाजों के आगे घुटने टेक दिए हैं ! 
 
- रश्मि प्रभा 

मंगलवार, 15 नवंबर 2011

ध्‍यान ...

ध्यान हमारी सकारात्मक उर्जाओं को शक्तिशाली बनाता है ...
घृणा के भाव पनपते तो हैं पर वे मोक्ष में परिवर्तित होते जाते हैं !
ध्यान हमें क्रिमिनल नहीं बनने देता ...
सत्य कहना और बदला लेना - दो आयाम हैं .
सत्य हमेशा मुक्ति देता है , सत्य पर पर्दा आसक्ति ...
सही ध्यान हमारे अनुपात को बिखरने नहीं देता 
 
- रश्मि प्रभा 

सोमवार, 14 नवंबर 2011

सकारात्मकता पर प्रश्न कहाँ !

अँधेरे जंगल, भयावह आवाजों के बीच से जो रौशनी तक पहुँचे 
उसकी सकारात्मकता पर प्रश्न कहाँ !
 
- रश्मि प्रभा 
 

शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

फैसले का आधार ... !!!

हर बुरे का कोई न कोई पक्ष अच्छा होता है
हर अच्छे का कोई न कोई पक्ष बुरा होता  है ....
फैसले का आधार अधिक का होना चाहिए !!!
 
- रश्मि प्रभा

बुधवार, 9 नवंबर 2011

कुरुक्षेत्र का मैदान ....!!!

सहनशीलता , विनम्रता , उदारता ही 
कुरुक्षेत्र का मैदान तैयार करती है ...!!!

 - रश्मि प्रभा
 

मंगलवार, 8 नवंबर 2011

चिंतन अपेक्षित है...!!!


चीखनेवाला व्यक्ति कभी सही नहीं होता 
नहीं चीखनेवाला व्यक्ति जब चीखता दिखाई दे 
तो चिंतन अपेक्षित है...!!!
 
- रश्मि प्रभा 
 
 

शनिवार, 5 नवंबर 2011

स्‍नेहिल हाथ ....

 जब सर पर स्नेहिल हाथ की ज़रूरत हो तो अनेक शब्द भी कुछ नहीं कर पाते 
और अगर ख़ामोशी हो तो कई सोच धराशाई हो जाती है ...
 
- रश्मि प्रभा 

गुरुवार, 3 नवंबर 2011

प्रभु ने ज्ञान दिया ....

कई बार हमारे संस्‍कार हमें रोकते हैं - ये क्‍यूं कहें, ऐसा क्‍यूं करें ... 
जाने कितने विचार मन में पनपते हैं .
ऐसी ही विचलन की स्थिति में अर्जुन को प्रभु ने ज्ञान दिया . 
तो प्रभु जब घर बनानेवाले को घर में आग लगा देने की स्थिति में लाते हैं... 
तो उसके पीछे अनदेखे कई प्रयोजन होते हैं .... !!

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 1 नवंबर 2011

आप बुरा सोच ही नहीं सकते ...!!!

अगर आप किसी के लिए कमज़ोर हैं तो बेरहम हो सकते हैं 
पर प्यार में आप बुरा सोच ही नहीं सकते ...!!!
- रश्मि प्रभा