शनिवार, 30 जुलाई 2011
लक्ष्य की नींव ....
लोग कहते हैं जीवन में लक्ष्य साधो अर्जुन की तरह,
भावनाओं में मत उलझो पर ..........
भावनाएं ही लक्ष्य की नींव होती हैं ........।
-
रश्मि
प्रभा
शुक्रवार, 29 जुलाई 2011
चिंतन अपेक्षित है.......
चीखनेवाला व्यक्ति कभी सही नहीं होता
नहीं चीखनेवाला व्यक्ति जब चीखता दिखाई दे
तो चिंतन अपेक्षित है.........
- रश्मि प्रभा
गुरुवार, 28 जुलाई 2011
टुकड़े टुकड़े ....
एक झूठ कहते कटघरे में खड़ा सच्चा मन
टुकड़े टुकड़े मरता है .........!!
- रश्मि प्रभा
बुधवार, 27 जुलाई 2011
ईश्वर को ....
जिससे हम प्यार करते हैं उससे कहा गया झूठ
ईश्वर को खंडित कर जाता है...।।
- रश्मि प्रभा
मंगलवार, 26 जुलाई 2011
ज़िन्दगी देनेवाला .....
ज़िन्दगी देनेवाला व्यक्ति कभी भी
खुद
को
असुरक्षित नहीं महसूस करता......!!
- रश्मि प्रभा
सोमवार, 25 जुलाई 2011
सही होकर भी ....
खूनी प्रवृति को कभी पश्चाताप नहीं होता ,
पर क्षण विशेष में - प्रत्युत्तर में दी गई गाली , उठाया हुआ हाथ -
अपने अन्दर सही होकर भी मरता रहता है !
- रश्मि प्रभा
शनिवार, 23 जुलाई 2011
एक चुप्पी ....
एक चुप्पी कई सवालों का जवाब होती है ......
-
रश्मि
प्रभा
शुक्रवार, 22 जुलाई 2011
दो नाव पर ....
दो नाव पर पैर रखकर चलनेवाले व्यक्ति का
कोई व्यक्तित्व नहीं होता ......
- रश्मि प्रभा
गुरुवार, 21 जुलाई 2011
अपना वही है..
झंझावातों में भी जो साथ खड़ा हो
सच वही है अपना वही है.....!!
- रश्मि प्रभा
बुधवार, 20 जुलाई 2011
अभाव का स्वाद ....
अगर तुमने जीवन में अभाव का स्वाद नहीं चखा
अगर निर्णय में रोज परिवर्तन हो
–
तो खुद को शक से देखना उचित होगा
- रश्मि प्रभा
मंगलवार, 19 जुलाई 2011
प्यार की बात पर ....
अहसानों के बोझ तले डालने वाले पैसे से खुशियां खरीदने वाले
प्यार की बात पर मुंह बिचकाते हैं ..............!!
- रश्मि प्रभा
सोमवार, 18 जुलाई 2011
सहजता से ....
जिस बात को सहजता से बताया न जा सके,
वह बात या तो गलत है ...
या फिर धोखे की पृष्ठभूमि ...।
- रश्मि प्रभा
शनिवार, 16 जुलाई 2011
बड़ी बड़ी बातें ....
हम बड़ी बड़ी बातें तो करते हैं
पर विवादों से डरते हैं .....।
- रश्मि प्रभा
शुक्रवार, 15 जुलाई 2011
स्वार्थ नहीं .....
प्यार करनेवाले स्वार्थ नहीं साधते !.........
- रश्मि प्रभा
गुरुवार, 14 जुलाई 2011
मान - अपमान ....
मान क्या है अपमान क्या है
इसे समझना ज्यादा ज़रूरी है....
।
- रश्मि प्रभा
बुधवार, 13 जुलाई 2011
चक्रव्यूह ...
अभिमन्यु बनने की चाह रखने से पहले
चक्रव्यूह बनानेवाले अपनों को पहचान लो ...।
- रश्मि प्रभा
मंगलवार, 12 जुलाई 2011
ख्वाहिश रखो ...
आसमान पाने की ख्वाहिश रखो
धरती की उपेक्षा मत करो...!!
- रश्मि प्रभा
सोमवार, 11 जुलाई 2011
अँधेरे में ...
व्यथा सुन लोगों का इठलाना उनकी फितरत है
जो अँधेरे में पड़ जाते है वे 'बचाओ, बचाओ' कहते ही हैं ...
- रश्मि प्रभा
शुक्रवार, 8 जुलाई 2011
सही समझते हैं ....
जो तुम्हें शुरू से गलत मानते हैं .....
उनकी निगाह में खुद को सही साबित करने की प्रक्रिया में
तुम उन्हें न खो दो जो तुम्हें सही समझते हैं !
- रश्मि प्रभा
गुरुवार, 7 जुलाई 2011
हाथ धोया नहीं धोया ....
गंगा तो बहती रही है बहती रहेगी
बहती गंगा में किसने हाथ धोया नहीं धोया
इस बात से वह उदासीन होती है .....
पर जिस दिन वह देखती है -
फिर या तो कहर लाती है
या फिर दिशा बदल लेती है .... !!
- रश्मि प्रभा
बुधवार, 6 जुलाई 2011
जो प्यार करते हैं ....
जो प्यार करते हैं वे सबसे अलग दिखाई देते हैं
उनको किसी पहचान पत्र की ज़रूरत नहीं ....!!
- रश्मि प्रभा
मंगलवार, 5 जुलाई 2011
दर्द से उदासीन ....
आराम से सोने के लिए दर्द से उदासीन हो जाना
किसी क्राइम से कम नहीं ............!
- रश्मि प्रभा
सोमवार, 4 जुलाई 2011
जीतने की मंशा ...
जब
तक हम किसी से जीतने की मंशा में होते हैं
किसी को नीचा दिखाने में लगे रहते हैं -
.........राह तो नहीं ही मिलती
मिले रास्ते भी गुम हो जाते हैं ...।
- रश्मि प्रभा
शनिवार, 2 जुलाई 2011
कमल का सौन्दर्य ...
कीचड़
के मध्य भी कमल का सौन्दर्य बरकरार रहता है
क्योंकि वह उससे दुनियादारी के लिए खेलता नहीं ....
- रश्मि प्रभा
शुक्रवार, 1 जुलाई 2011
सहज रखने के क्रम में ...
हम खुद को सहज रखने के क्रम में या अति करते हुये
सामने वाले को इतना महत्वपूर्ण बना देते हैं कि
उनकी आंखों के साथ-साथ् खुद की नजरों में भी हल्के हो जाते हैं ....
- रश्मि प्रभा
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