बुद्धि, विवेक के साथ क्रोधयुक्त जिद हो तो ... तो होनी काहू बिधि न टरै
- रश्मि प्रभा
शुक्रवार, 27 जुलाई 2012
सत्य को कोई सह नहीं पाता - झूठ की बैसाखियों पर चलने वाले पांव इतने लाचार होते हैं कि यथार्थ की धरती पर खड़े नहीं हो सकते, जो सच सामने आता है, उसके पीछे कई सच होते हैं - जिनको न कोई सामने लाना चाहता है, न कोई सुनना चाहता है, अपनी डफली अपना राग उत्तम है.
- रश्मि प्रभा
बुधवार, 25 जुलाई 2012
कोई शुरूआत जब गलती से हो तो समझाने से बेहतर है
आप सामनेवाले की बात सुनें
उसके क्रोध को भी स्वीकार करें - तब अनचाहा नहीं होता