बुधवार, 23 जनवरी 2013

चिंतन ...

जो झूठ बोलते हैं वे कसम ... अपने बच्चों की कसम बहुत जल्दी खाते हैं 
जो सच बोलते हैं,उनको अपने सच पर भरोसा होता है 
किसी भी यकीन के लिए वे बच्चों को बीच में नहीं लाते !
कोर्ट में भी अत्यधिक भक्तिभाव से गीता की कसम वही दुहराते हैं 
जो हत्यारे होते हैं 
जिनके घर में अनहोनी घटती है 
वे बस गीता को मूक भाव से देखते हैं !!!
 
- रश्मि प्रभा 
 

बुधवार, 9 जनवरी 2013

चिंतन ...

अप्राप्य दुखद है, पाने की कोशिश-बनाने की कोशिश ना करना स्वभाव है .... 
जो मिलता है,बनता है,स्थापित होता है = वह हमेशा रहस्यात्मक होता है !!!

- रश्मि प्रभा

शनिवार, 5 जनवरी 2013

चिंतन ...

मित्र यानि बिना कुछ कहे कहनेवाला और सुननेवाला 
न स्वार्थ,न दंभ ...न वक्र,न मिथ !!

- रश्मि प्रभा

बुधवार, 2 जनवरी 2013

चिंतन ....

तर्क यदि जिज्ञासा से हो तो कई संभावित अर्थ निकलते हैं,
पर मात्र बहस मात्र से पहला अर्थ भरा अंश भी नष्ट हो जाता है !!!

- रश्मि प्रभा