सोमवार, 30 जून 2014

चिंतन

तूफ़ान की तरह उठापटक करते आते हैं विचार,
मन के दरवाज़े को पीटते हैं 
मस्तिष्‍क के कोनों से कई ख्‍याल उड़ा ले जाते हैं
जब तक वेग रूकता है
............. एक सन्‍नाटा होता है
और उस सन्‍नाटे की सोच अलग होती है उस तूफ़ान से 

- रश्मि प्रभा 

1 टिप्पणी:

यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...