शनिवार, 5 मार्च 2011

बीज लगाते जाओ ...

संस्कारों की मिट्टी हमेशा
ज़रखेज़ (उपजाऊ) होती है
अनवरत बीज लगाते जाओ ...।।


- रश्मि प्रभा

6 टिप्‍पणियां:

  1. बिल्‍कुल सच ....प्रेरणात्‍मक विचार ।

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  2. प्रेरणात्‍मक विचार| धन्यवाद|

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  3. एकदम सही बात, पुराने गलत संस्कारों का त्याग ज़रूरी है, नए अच्छे संस्कारों का निर्माण ज़रूरी है ...

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यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...