बुधवार, 9 मार्च 2011

'क्यूँ' और 'कब ' ...

किसी भी बात में 'क्यूँ' और 'कब ' का
आना मानसिक विरोध पैदा करता है तो
बेहतर है इसे हम अपने पास समेट लें ....!!

-
रश्मि प्रभा

3 टिप्‍पणियां:

  1. विचारणीय चिंतन ....पर इन शब्दों को " कैसे" समेटें ?

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  2. प्रणाम !
    शायद हर किसी के मन में कोई ना कोई जिज्ञासा होती है या संदेह और इससे विरक्त होना मानव का स्वयम को पाना है परन्तु ऐसा होता है .. कह नहीं सकते .!
    सादर !

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यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...