Bilkul.इंसानियत को क़त्ल तो खुद कर रहे हैं लोगइल्ज़ाम दूसरों पे मगर धर रहे हैं लोगमंज़िल का कुछ सुराग़ नहीं, क़ाफ़िला नहींतारीकियों में फिर भी सफ़र कर रहे हैं लोhttp://mushayera.blogspot.com/2011/04/shayri.html
बिल्कुल सही
शानदार उत्प्रेरक विचार है।
यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्साहन से एक नये विचार को जन्म देगा ..आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...
Bilkul.
जवाब देंहटाएंइंसानियत को क़त्ल तो खुद कर रहे हैं लोग
इल्ज़ाम दूसरों पे मगर धर रहे हैं लोग
मंज़िल का कुछ सुराग़ नहीं, क़ाफ़िला नहीं
तारीकियों में फिर भी सफ़र कर रहे हैं लो
http://mushayera.blogspot.com/2011/04/shayri.html
बिल्कुल सही
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