बिलकुल सच| कर्मों का फल तो देर-सबेर मिलता ही है|
सच है, पर मुर्ख बननेवाले पे हर कोई हँसता है ...
सटीक!! आखिर तो वक्त य्सके कर्म को निर्थक सिद्ध कर देता है।
bahut sahi di....!!!!
मेरी दीदी दोनों पर मुस्कराती हैं....क्योंकि वक़्त भी कौन सा बड़ी स्थिर वस्तु है !
बहुत सच कहा है..
बिल्कुल ठीक कहा है....
sahi hai badi maa...
यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्साहन से एक नये विचार को जन्म देगा ..आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...
बिलकुल सच| कर्मों का फल तो देर-सबेर मिलता ही है|
जवाब देंहटाएंसच है, पर मुर्ख बननेवाले पे हर कोई हँसता है ...
जवाब देंहटाएंसटीक!! आखिर तो वक्त य्सके कर्म को निर्थक सिद्ध कर देता है।
जवाब देंहटाएंbahut sahi di....!!!!
जवाब देंहटाएंमेरी दीदी दोनों पर मुस्कराती हैं....क्योंकि वक़्त भी कौन सा बड़ी स्थिर वस्तु है !
जवाब देंहटाएंबहुत सच कहा है..
जवाब देंहटाएंबिल्कुल ठीक कहा है....
जवाब देंहटाएंsahi hai badi maa...
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