गाम्भीर्य की मर्यादा तोड़ती, मायामय बुद्धि घातक सुनामी ही है। स्व-पर दोनो के लिए।
bahut khub
यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्साहन से एक नये विचार को जन्म देगा ..आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...
गाम्भीर्य की मर्यादा तोड़ती, मायामय बुद्धि घातक सुनामी ही है। स्व-पर दोनो के लिए।
जवाब देंहटाएंbahut khub
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