शुक्रवार, 27 मई 2011

संस्कार ....

झूठ की दीवारें लांघकर जो संस्कार सिखाते हैं
उनके शब्द कभी जिए हुए नहीं होते....

- रश्मि प्रभा

9 टिप्‍पणियां:

  1. वो क्या रास्ता दिखायेंगे
    जिनकी आँखों में परदे पड़े हैं

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  2. जाके पांव न फटी बिवाई वह क्या जाने पीर पराई!!

    झूठे संस्कार जिए हुए होते ही नहीं।

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  3. bahut hi achchi baat kahi aapne,aabhaar


    please visit my blog and leave a comment also.thanks

    जवाब देंहटाएं

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