गुरुवार, 5 मई 2011

असफलता का दोष ...

पनी असफलता का दोष दूसरे को देकर
व्यक्ति क्या वाकई निश्चिन्त हो जाता है ... ?


- रश्मि प्रभा

8 टिप्‍पणियां:

  1. निश्चिन्त तो नहीं पर दूसरे काम में लग जाता है।

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  2. नही दीदी वो खुद को धोखा देने कि आत्मघाती प्रवत्ति का शिकार हो जाता है...इससे क्षणिक संतोष तो होता है पर अंततोगत्वा इससे पतन ही होता है !

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  3. अपनी असफलता का दोष दूसरे को देकर वह खुद को ही धोखा देता है, जब की उसको पता होता है कि वह झूठ के आवरण में छिपा कर खुद को निर्दोष बना रहा है.

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  4. प्रणाम !
    नहीं दीदी वो स्वयं को ही भ्रमित करता है अपना दोष अन्य के सर मढ़!
    सादर !

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  5. अपना दोष दुसरे पर वही मढ़ता है जिसमे सच बोलने की हिम्मत नहीं होती उससे वो दुसरे से ज्यादा खुद परेशां होता है और दुसरे के सामने खुद को सही साबित करने की नाकाम कोशिश में लगा रहता है |

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  6. aisa kar ke khud ko dhoka deta hai...
    par ye dhokha dena manav ki aadat hai...:)
    main kya aap bhi karte ho di.......

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