गुरुवार, 11 अक्तूबर 2012

चिंतन ...

श्रेष्ठ वह है जो सच के साथ अडिग रहे .... 
छुपकर वार वही करते हैं जो झूठ की बैसाखियों पर होते हैं 

- रश्मि प्रभा 

8 टिप्‍पणियां:

  1. बिलकुल सही ! लेकिन कभी-कभी सत्य इतना वीभत्स एवँ भयावह होता है कि उसके साथ होने पर श्रेष्ठता का नहीं वरन शर्मिंदगी का एहसास होता है !

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  2. लेकिन जब सच ही शर्मनाक हो तो क्या करे ...

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  3. कभी कभी सच हृदय विदारक होता है तब उसे भी बैसाखियों की आवश्यकता पडती है !

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