बुधवार, 20 मार्च 2013
चिंतन ...
ज़िन्दगी उलझती,टूटती पैबन्दों के संग चलती है
बिना सलवटों की ज़िन्दगी भी भला ज़िन्दगी होती है !
- रश्मि प्रभा
बुधवार, 13 मार्च 2013
चिंतन ...
किताब में,पत्रिकाओं में होने की इच्छा होना .... कोई हास्यास्पद बात नहीं
यह तो एक परिधान है - जिसके अंतर्गत सौन्दर्य बढ़ जाता है !
- रश्मि प्रभा
मंगलवार, 5 मार्च 2013
चिंतन ...
जब आप किसी को अपमानित करने का एक मौका भी नहीं खोते
तो आपकी दिमागी हालत दयनीय है ..... और लाइलाज भी
- रश्मि प्रभा
शुक्रवार, 1 मार्च 2013
चिंतन ...
शक एक बीमारी है
इसमें न घरेलु इलाज सम्भव है
न योगा,न पूजा, न प्यार ...... शक के कीड़े हर जगह रेंगते रहते हैं
- रश्मि प्रभा
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