सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

'' झूठ को शह ''

सत्य को गूंगा बनाकर हम झूठ को

शह देते हैं और मात खाने का ग़म

मनाते हैं ....

- रश्मि प्रभा

9 टिप्‍पणियां:

  1. जीवन में धारण करने योग्य संकल्प!
    प्रेरक विचार!

    जवाब देंहटाएं
  2. कई बार सच को हारते देखा है झूठ के आगे और फिर उन्ही लोगों को इसका मातम मनाते भी !
    एकदम सटीक ...

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय दीदी ,
    प्रणाम !
    झूठ कि क्षणिक जीत होती है जब कि सत्य थोड़ा सा कष्ट पाटा है मगर जीत सत्य कि ही होती है ,
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. सत्‍य जन्‍म से गूंगा नहीं होता है,इसलिए जब वह बोलता है तो झूठ को सिर पर पैर रखकर भागना पड़ता है।

    जवाब देंहटाएं
  5. सत्य के साथ कोई भी न हो एक दिन वह उजागर हो कर रहता है. उसकी शक्ति को कुछ समय के लिए भले दबा दें लेकिन वह सत्य ही है जो शाश्वत है और रहेगा.

    जवाब देंहटाएं

यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...