मंगलवार, 18 अक्तूबर 2011

मुड़ी तुड़ी मनःस्थिति

जिस तरह कई बार मुड़े तुडे कागज़ से कोई बात मिल जाती है
उसी तरह मुड़ी तुड़ी मनःस्थिति से कविता या कहानी जन्म लेती है ...!!

- रश्मि प्रभा


4 टिप्‍पणियां:

यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...