निहत्थे शक्तिहीन से युद्ध उचित नहीं - ऐसा शास्त्रों में कहा है
- रश्मि प्रभा
तो स्त्री के साथ जो अन्यायी युद्ध होता है ,
वह सिद्ध करता है कि उसमें अपार क्षमता है
पति और बच्चों से बढकर कोई शस्त्र नहीं
और यदि वह इन अवश्यम्भावी शस्त्रों से विहीन है
तो इसके बगैर भी उसकी आत्मिक शक्ति उसके लिए शिव धनुष के समान है
अबला ना वह कभी थी ना है ना होगी ...- रश्मि प्रभा
अबला है न थी कभी, शक्ति रूप सन्तान |
जवाब देंहटाएंसदा आत्मिक-शक्ति शिव, साधे धनुष महान ||
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।।
जवाब देंहटाएंशुक्रवार, 30 नवम्बर 2012
जवाब देंहटाएंचिंतन ...
निहत्थे शक्तिहीन से युद्ध उचित नहीं - ऐसा शास्त्रों में कहा है
तो स्त्री के साथ जो अन्यायी युद्ध होता है ,
वह सिद्ध करता है कि उसमें अपार क्षमता है
पति और बच्चों से बढकर कोई शस्त्र नहीं
और यदि वह इन अवश्यम्भावी शस्त्रों से विहीन है
तो इसके बगैर भी उसकी आत्मिक शक्ति उसके लिए शिव धनुष के समान है
अबला ना वह कभी थी ना है ना होगी ...
बढ़िया प्रस्तुति निश्चय है धूप ताप सहने की क्षमता भी इस सबला की ज्यादा है .
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (1-12-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!