शुक्रवार, 21 सितंबर 2012

चिंतन ...

किसी बात पर असहमति का अर्थ यह नहीं कि बम ही फोड़ा जाए ...
और बहरों के आगे बम फोड़ने से भी क्या हासिल होगा !

- रश्मि प्रभा 

1 टिप्पणी:

  1. सहमत होने पर हिले, जब हल्का सा शीश ।
    हुवे असहमत तो भले, क्यूँ जाते हो रीश ?
    क्यूँ जाते हो रीश, पटकते बम क्यूँ भाई ?
    पटक रहे अति विकट, पड़े क्या उन्हें सुनाई ?
    प्रकट करो निज भाव, कहो ना बुरा भला कुछ ।
    सीखो संयम धैर्य, गया ना कहीं चला कुछ ।

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