शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2011

मोह से परे ...

जो मोह से परे खुद को सोचते हैं , वे बहुत कुछ हासिल करके भी गरीब होते हैं
ज़िन्दगी शब्दों में वहीँ नमी पाती है - जो आकंठ मोह में डूबे काँटों पर चलते हैं !
- रश्मि प्रभा

2 टिप्‍पणियां:

यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...