बुधवार, 10 सितंबर 2014

चिंतन ...

तुम अगर खुले मन से किसी की प्रशंसा नहीं कर सकते,
तो कोई तुम्‍हारी कितनी भी प्रशंसा कर ले - तुम उस योग्‍य नहीं.

- रश्मि प्रभा 

शुक्रवार, 5 सितंबर 2014

चिंतन ...

जब हम समय पर काम नहीं करते
तो झूठ या बहाना उचित लगता है
काश! हम शर्मिन्‍दा होते अपनी निष्क्रियता पर !!

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 2 सितंबर 2014

चिंतन ...

यदि आप किसी भावना का सम्‍मान नहीं करते
तो एकांत में खुद को वक्‍़त दीजिये
खुद को परखिये - 
ऐसी कौन सी कमी है जो आपको भावनाओं से ज़ुदा करती है.


- रश्मि प्रभा