शनिवार, 29 अक्तूबर 2011

सही दिखाने की कोशिश ...

खुद को सही दिखाने की कोशिश  बिल्कुल नहीं करनी चाहिए 
 क्योंकि उस कोशिश में वह व्यक्ति अपराधी ही होता जाता है.... 
 
- रश्मि प्रभा 

शुक्रवार, 28 अक्तूबर 2011

दर्द का रिश्ता ...

दर्द का रिश्ता ही असली रिश्ता होता है 
खून के रिश्ते भी वही टिकते हैं जो दर्द से जुड़ते हैं ....
 
- रश्मि प्रभा 

मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

माफ़ी मांगने का अर्थ ....

माफ़ी मांगने का अर्थ है - फिर उस गलती को ना दुहरायें 
माफ़ करने का अर्थ है - फिर उस गलती का हवाला न दें 
दिल से माफ़ी माँगना और माफ़ करना इतना आसान नहीं ..!! 

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

अक्‍सर ...

बुरा बदल जाए तो अच्छी बात है ...
पर अक्सर अच्छे बदल जाते हैं !!!
- रश्मि प्रभा 

शनिवार, 22 अक्तूबर 2011

शहंशाह बनने का मौका ...

यदि तुम खुद को शहंशाह मानकर चलते हो तो तुम जकड जाओगे
पर यदि तुम यह मानकर चलोगे कि ज़िन्दगी ने तुम्हें शहंशाह बनने का मौका दिया है 
तो लचीले बनोगे ...
- रश्मि प्रभा 

शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011

मोह ...

मोह से परे होना कहाँ संभव है
ईश्वर ने निर्माण ही किया है मोह में
 
- रश्मि प्रभा 

गुरुवार, 20 अक्तूबर 2011

प्रयोजन है ईश्‍वर का ...

यदि श्री राम के हर कदम प्रयोजनयुक्‍त थे, पूर्व से तय थे
तो हमारा वर्तमान भी प्रयोजनहीन नहीं
हर कृत्‍य के पीछे प्रयोजन है ईश्‍वर का और पूर्व से तय है 
फिर तो आलोचना ही बन्‍द हो जानी चाहिए ........

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 18 अक्तूबर 2011

मुड़ी तुड़ी मनःस्थिति

जिस तरह कई बार मुड़े तुडे कागज़ से कोई बात मिल जाती है
उसी तरह मुड़ी तुड़ी मनःस्थिति से कविता या कहानी जन्म लेती है ...!!

- रश्मि प्रभा


सोमवार, 17 अक्तूबर 2011

बातों का तथ्‍य ...

जैसे जैसे वक़्त गुजरता है
बड़ों की कही बातों का तथ्य समझ में आने लगता है ...!!!

- रश्मि प्रभा

शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

शिकायत आसान है .....!!!

दूसरों से शिकायत आसान है
पर अपने अन्दर का कारण ढूंढना कठिन है ...!!!

- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2011

मोह से परे ...

जो मोह से परे खुद को सोचते हैं , वे बहुत कुछ हासिल करके भी गरीब होते हैं
ज़िन्दगी शब्दों में वहीँ नमी पाती है - जो आकंठ मोह में डूबे काँटों पर चलते हैं !
- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 13 अक्तूबर 2011

मौन धारण करने में कुशल ..

जवाब देने से जो कतराते हैं
वे मौन धारण करने में कुशल होते हैं ...
- रश्मि प्रभा

बुधवार, 12 अक्तूबर 2011

सुख मिलने से ...

सुख मिलने से असंतोष बढ़ता जाता है...!!!
इसे पढ़ने के बाद यहां अवश् जायें ...
एक साथ कितने विचार...

- रश्मि प्रभा


मंगलवार, 11 अक्तूबर 2011

नारी कमज़ोर नहीं....!!!

नारी कमज़ोर नहीं , कमज़ोर होना उसे मनवाया जाता है
और यह सिलसिला कभी बन्द नहीं होगा ....
उसकी कमजोरी में ही सब अपनी इज्ज़त बाँध देते हैं ...!!!

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 10 अक्तूबर 2011

शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

कई बार नहीं , ज्यादातर ....

कई बार नहीं , ज्यादातर ....
हम अपनी सोच से दूसरे की सोच तय कर
एक निर्णयात्मक मुहर लगा देते हैं
फिर सामनेवाले का कोई व्यवहार
उस मुहर से टस से मस नहीं होता ....!!!

- रश्मि प्रभा


बुधवार, 5 अक्तूबर 2011

मंगलवार, 4 अक्तूबर 2011

खामोशी भी बोलती है ...

कहते हैं , खामोशी भी बोलती है ...
बोलती तो है , पर सामनेवाला अपनी सोच के अनुसार सुनता है !
- रश्मि प्रभा

सोमवार, 3 अक्तूबर 2011

अपनी बात ...

अपनी बात सुनाने के क्रम में हम सोचते ही नहीं
कि सामनेवाला भी कुछ कहना चाहता है....!!!

रश्मि प्रभा


शनिवार, 1 अक्तूबर 2011

फर्क ....

पूरी ज़िन्दगी हम कहते कुछ हैं
पर जब करने की बारी आती है
तो 'मैं ' की गिरफ्त में परेशानियों का चक्रव्यूह बनाते हैं
महारथी बने हम .... खुद को बेरहमी से मार देते हैं
और रोनेवाला ढूंढते हैं ....

- रश्मि प्रभा