गुरुवार, 30 जून 2011

चयन आपके हाथ ....

सही और गलत का चयन आपके हाथ होता है
इसमें विवशता लाना
पूरी ज़िन्दगी को गुमराह करना है....

- रश्मि प्रभा

बुधवार, 29 जून 2011

ऐसे में प्यार ....

अगर आप किसी से प्यार करते हैं
तो उसे हर स्थिति से समझौता करना न सिखाएं
ऐसे में प्यार मर जाता है और वह व्यक्ति भी...

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 28 जून 2011

हर एक को ....

हर एक को खुश रखने की प्रक्रिया हमेशा असफल होती है ....

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 27 जून 2011

कर्तव्‍य निभाना ....

असहज भाव से कर्तव्य निभाना
रिश्तों को बोझ बनाना होता है ....

- रश्मि प्रभा

शनिवार, 25 जून 2011

खुद के लिए ....

खुद के लिए अगर जीना नहीं आया तो
दूसरों के लिए जीना आसान नहीं ....


- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 24 जून 2011

बिकता है ...

हर आदमी बिकता है ...
कोई पैसे के लिये
कोई इज्‍ज्‍त के लिये, कोई प्‍यार के लिये ....


- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 23 जून 2011

आपसी समझ ...

किसी मुकाम के लिए
आपसी समझ का होना नितांत ज़रूरी है ...

- रश्मि प्रभा

बुधवार, 22 जून 2011

विनम्रता ...

अगर विनम्रता न हो तो
कोई सफलता बरकरार नहीं रहती ...

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 21 जून 2011

परिवर्तन की संभावनाएं ...

मन के झंझावात यदि ख़त्म हो जाएँ

तो परिवर्तन की संभावनाएं ख़त्म हो जाएँ ...

- रश्मि प्रभा

सोमवार, 20 जून 2011

लेकिन ....

नकारात्मक विचार अन्दर का भय है , जो स्वाभाविक है

उससे उबरने के लिए उसके आगे 'लेकिन' जोड़ दें

यह 'लेकिन' आपकी सोच को दिशा देगी ....

- रश्मि प्रभा

शनिवार, 18 जून 2011

पर्यायवाची ...

ईश्वर उनके घर होता है जहाँ सत्य होता है

तात्पर्य यह कि ईश्वर और सत्य एक दूजे के पर्यायवाची हैं ...

- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 17 जून 2011

फर्क ....

अंधविश्वास और ईश्वर में फर्क है ...
ईश्वर बस विश्वास है


- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 16 जून 2011

शांतिप्रिय ....

जिनकी ज़िन्दगी में पैसा ही मायने रखता है

वे किसी भी हद तक छल करते हैं

पर जिनके लिए सम्मान मायने रखता है

वे शांतिप्रिय होते हैं ....


- रश्मि प्रभा

बुधवार, 15 जून 2011

मुख्‍य तथ्‍य ....

जो गलत होते हैं वे इधर उधर की बातों में उलझाकर

मुख्य तथ्य से अलग कर देते हैं .... ।


- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 14 जून 2011

अपना बचाव ...

अक्सर लोग खुद को निरीह और दूसरों को
दोषारोपित करके अपना बचाव करते हैं ....!


- रश्मि प्रभा

सोमवार, 13 जून 2011

समर्पण ...

बिना विश्वास प्रेम संभव नहीं

बिना प्रेम समर्पण संभव नहीं ....

- रश्मि प्रभा





शुक्रवार, 10 जून 2011

बुधवार, 8 जून 2011

आध्‍यात्‍म ...

जहाँ सारे तर्क ख़त्म हो जाते हैं,
वहाँ से आध्यात्म शुरू होता है ...

- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 7 जून 2011

'' ईश्‍वर ''

जब हम दिमाग से ही हर काम करने लगते हैं तो ईश्‍वर
वहां से चल देते हैं क्‍यों‍कि ईश्‍वर मन का ही प्रतिरूप हैं .....


- रश्मि प्रभा

सोमवार, 6 जून 2011

अनुभवों की तिजोरी ...

जब हम हार कर बैठ जाते हैं तब ईश्‍वर उठकर चलाता है हमें
और अनुभवों की तिजोरी देता है .....


- रश्मि प्रभा

शनिवार, 4 जून 2011

सार से वंचित ....

क्या खोया क्या पाया ... इस जोड़ घटाव में
हम लम्बी लम्बी बातें करते हैं , पर सार से वंचित होते हैं ....


- रश्मि प्रभा

शुक्रवार, 3 जून 2011

मंथन में अमृत ....

ईश्वर ने मंथन में अमृत लिया और उसके लिए पूरी सूझबूझ अपनाई
यदि हम तब भी नहीं सीखते तो यह हमारी नियति नहीं
स्वनिर्मित दुर्भाग्य है ....


- रश्मि प्रभा

गुरुवार, 2 जून 2011

भावनाओं का समर्पण ...

अगर तुमने भावनाओं का समर्पण नहीं किया
भावनाओं का समर्पण नहीं लिया तो
पैसे से खरीदकर खुद को बेचकर
तुम न सुकून पा सकते हो न ईश्‍वर ...


- रश्मि प्रभा

बुधवार, 1 जून 2011

येन-केन प्रकारेण .....

जिसने अपने किये को येन-केन प्रकारेण बता ही दिया
तो वह किया मिट्टी में मिल जाता है ... ।


- रश्मि प्रभा