सोमवार, 13 जून 2011

समर्पण ...

बिना विश्वास प्रेम संभव नहीं

बिना प्रेम समर्पण संभव नहीं ....

- रश्मि प्रभा





10 टिप्‍पणियां:

  1. सटीक कहा है ..प्रेम में विश्वास ज़रूरी है ..

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  2. बहुत सही कहा है आपने ।

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  3. प्रेम और विश्वास ही समर्पण की राह चुनते हैं ...
    सुन्दर !

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  4. बिल्कुल सही कहा है आपने! बिना विश्वास प्रेम कभी भी संभव नहीं है!

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यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...