अचानक झूठ के पेड़ पर सत्य के फल आ जाएँ तो वह अपना स्वभाव नहीं छोड़ता haan.....kai baar is anubhaw se guzri hoon....
satya kathan.vaah...bahut achcha.shubhkamnayen.
खूब-सूरत प्रस्तुति |बहुत-बहुत बधाई ||
रश्मी जी अच्छी सलाह दि है आपने
आपकी सारी बाते ,विचार ,सलाह मेरे लिये अमुल्य है .अक्सर जब मन कई सारी बातो के भंवर में फस जाता है तो आपके ब्लॉग पर आकरमन शांत हो जाता है...और कभी तो उलझन भी हल हो जाती है ..--
यह मेरे लिए ख़ुशी की बात है ...
सर्प विष में पगा मीठा फल विषैला ही होता है ...सही कहा आपने
सच कहा है ...मकर संक्रांति की बधाई ..
बहुत बढ़िया विचार...आज ही देख पायी इस ब्लॉग को...अब जाने कब सोऊँगीसादर.
यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्साहन से एक नये विचार को जन्म देगा ..आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...
अचानक झूठ के पेड़ पर
जवाब देंहटाएंसत्य के फल आ जाएँ
तो वह अपना स्वभाव नहीं छोड़ता
haan.....kai baar is anubhaw se guzri hoon....
satya kathan.vaah...bahut achcha.shubhkamnayen.
जवाब देंहटाएंखूब-सूरत प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई ||
रश्मी जी अच्छी सलाह दि है आपने
जवाब देंहटाएंआपकी सारी बाते ,विचार ,सलाह मेरे लिये अमुल्य है .
जवाब देंहटाएंअक्सर जब मन कई सारी बातो के भंवर में फस जाता है तो आपके ब्लॉग पर आकर
मन शांत हो जाता है...और कभी तो उलझन भी हल हो जाती है ..
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यह मेरे लिए ख़ुशी की बात है ...
हटाएंसर्प विष में पगा मीठा फल विषैला ही होता है ...
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने
सच कहा है ...
जवाब देंहटाएंमकर संक्रांति की बधाई ..
बहुत बढ़िया विचार...
जवाब देंहटाएंआज ही देख पायी इस ब्लॉग को...
अब जाने कब सोऊँगी
सादर.