सोमवार, 2 जनवरी 2012

अहम् प्रबल हो तो ...!!!

मिनटों में गिले शिकवे दूर करने के लिए...
अपनी गलतियों को स्वीकार करना चाहिए तभी खाई मिटती है - 
अहम् प्रबल हो तो सब व्यर्थ है  , क्योंकि तब सिर्फ झूठी सफाई होती है !
 
- रश्मि प्रभा 
 

8 टिप्‍पणियां:

  1. ye aham hi ek din hum sab ko sabse alag thalag kar deta hai.aham insaan ka sabse bada shatru hai.
    uttam vichar.

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  2. सुन्दर विचार ...!
    मैं अपने जीवन में बहुत करीब से इसे महसूस किया है !

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  3. बहुत सुंदर ....
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ...

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  4. अहम्
    कुंठित मन की अभिव्यक्ति ही तो है

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  5. aham vykti ko sach kaha kahane deta hai...aham me aakar vykti kewal shan badhanewali bate hi karata hai fir chahe wo jhuth hi kyu na ho
    bahut hi sahi bat kahi hai apne....

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