शुक्रवार, 30 नवंबर 2012

चिंतन ...

निहत्थे शक्तिहीन से युद्ध उचित नहीं - ऐसा शास्त्रों में कहा  है 
तो स्त्री के साथ जो अन्यायी युद्ध होता है , 
वह सिद्ध करता है कि उसमें अपार क्षमता है 
पति और बच्चों से बढकर कोई शस्त्र नहीं 
और यदि वह इन अवश्यम्भावी शस्त्रों से विहीन है 
तो इसके बगैर भी उसकी आत्मिक शक्ति उसके लिए शिव धनुष के समान है 
अबला ना वह कभी थी ना है ना होगी ...
- रश्मि प्रभा

मंगलवार, 27 नवंबर 2012

चिंतन ...

स्पेस की बात करते करते ...
इतना बड़ा स्पेस हो गया कि सब अकेले हो गए !

- रश्मि प्रभा 

शनिवार, 24 नवंबर 2012

चिंतन ...

खिलखिलाती हंसी की तलाश कैसी 
सन्नाटा ही चेहरे पर बाकी है , ये क्या कम है
- रश्मि प्रभा 

गुरुवार, 22 नवंबर 2012

चिंतन ...

किसी बात का पक्ष विपक्ष .. 
गहराई,उथलापन उस जमीन पर खड़े होकर ही जाना जा सकता है !

- रश्मि प्रभा 

सोमवार, 19 नवंबर 2012

चिंतन ...

गलती इन्गित न करके खुद को ही गलत मान लो,
साथ में क्षमा भी माँग लो 
तो सामनेवाला भस्मासुर बन जाता है ...
 
- रश्मि प्रभा 
 

शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

चिंतन ...

प्रशंसनीय शब्दों से परे एक सच .... 
डरा हुआ आदमी बहुत अच्छा लिखता है !!

 - रश्मि प्रभा 

बुधवार, 7 नवंबर 2012

सोमवार, 5 नवंबर 2012

चिंतन ...

कविता - दिल दिमाग को छूती है और 
पूरे दिन,महीने,वर्षों की लहरों में तब्दील हो जाती है

- रश्मि प्रभा 

गुरुवार, 1 नवंबर 2012

चिंतन ..

अहंकार में प्रेम कहाँ ! 
प्रेम तर्कों में उलझ जाए,स्पष्टीकरण देने लगे-तो वह प्रेम होता ही नहीं. 
प्रेम करनेवाला अपनी अनुभूतियों को किसी कसौटी पर नहीं रखता !!

- रश्मि प्रभा