यदि श्री राम के हर कदम प्रयोजनयुक्त थे, पूर्व से तय थे
तो हमारा वर्तमान भी प्रयोजनहीन नहीं
हर कृत्य के पीछे प्रयोजन है ईश्वर का और पूर्व से तय है
फिर तो आलोचना ही बन्द हो जानी चाहिए ........
- रश्मि प्रभा
तो हमारा वर्तमान भी प्रयोजनहीन नहीं
हर कृत्य के पीछे प्रयोजन है ईश्वर का और पूर्व से तय है
फिर तो आलोचना ही बन्द हो जानी चाहिए ........
- रश्मि प्रभा
कर्म से प्रयोजन निश्चित होता है पर प्रारब्ध को पुरूषार्थ से बदलना सम्भव है।
जवाब देंहटाएंविवेकानुसार कर्म तो फिर भी करने ही होंगे , फल जो भी दे , उसकी मर्जी !
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