सच में .... जमीर की सुनें तो कभी गलतियाँ ना हो
सही
विडम्बना ही तो है कि बाहरी शोर से ही इंसान इतना ग्रस्त है कि आत्मा की आवाज़ उसे सुनाई देती ही नहीं है !
सहनशीलता जीवन में निराश नहीं होने देती .
बहुत सुंदर विचार..
संग्रह योग्य ......
यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्साहन से एक नये विचार को जन्म देगा ..आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...
सच में .... जमीर की सुनें तो कभी गलतियाँ ना हो
जवाब देंहटाएंसही
जवाब देंहटाएंविडम्बना ही तो है कि बाहरी शोर से ही इंसान इतना ग्रस्त है कि आत्मा की आवाज़ उसे सुनाई देती ही नहीं है !
जवाब देंहटाएंसहनशीलता जीवन में निराश नहीं होने देती .
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर विचार..
जवाब देंहटाएंसंग्रह योग्य ......
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