गुरुवार, 26 मई 2011

दर्द में ...

वहम तोड़ने के लिए ईश्वर जो करता है
वह खुद भी उस दर्द में सो नहीं पाता ...


- रश्मि प्रभा

8 टिप्‍पणियां:

  1. आज अर्थ की गहराई छू नहीं पाया!!

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  2. अपने बन्दों को प्यार जो इतना करता है

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  3. अच्छा!! ईश्वर हमें हमारी भ्रांति तोडकर जो दर्द देता है, खुद ईश्वर भी हमारी उसी वेदना से दुखी रहता है।

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