तो समय से मर जाना भी ज़रूरी है ( हाँ यह अपने हाथ में नहीं होता ) .
मोह का बंधन तो फांसी की तरह लटका होता है ,
अपने हाथ में कुछ नहीं होता , पर यदि इस ज़रूरत को
हम दिल दिमाग से स्वीकार कर लें अपने हाथ में कुछ नहीं होता , पर यदि इस ज़रूरत को
तो इधर-उधर की निरर्थक चिंताओं से खुद को परे कर सकते हैं !
- रश्मि प्रभा
well said !!!
जवाब देंहटाएंIndeed time is one of the most powerful force in existence.
gahan ..sarthak atm chintan.
जवाब देंहटाएंनिरर्थक चिंताओं से मुक्ति का सटीक सूत्र!!
जवाब देंहटाएंनिरर्थक चिंताओं से मुक्ति पाना अपने हाथ में है ... सटीक चिंतन
जवाब देंहटाएंगहन विचार ।
जवाब देंहटाएंbhut hi gahan vichar hai.. kya aisa kar sakte hai????
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