सोमवार, 23 मई 2011

अहम भूमिका ....

दुनिया के सारे कार्य प्रभु की मर्जी से नहीं होते,
शैतान की भी अहम भूमिका होती है .........।।


- रश्मि प्रभा

13 टिप्‍पणियां:

  1. जी हाँ बिलकुल ठीक बात है -
    अलबत्ता शैतान को दूर भागने या मार गिराने की कोशिश में बहुत शक्ति खोती जाती है ...!!
    गहन सोच के लिए आभार

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  2. satya hai..
    nakraatmak ,vinaashak shaktiyaan
    aur prabhu ki shaktiyaan dono hain vyaapt...

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  3. ठीक वैसे ही ... मित्र हमें गुमराह नहीं करता , गुमराह करनेवाला दुश्मन होता है , वही गड्ढे बनाता है

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  4. सत्‍य वचन ... बिल्‍कुल सही कहा है आपने ।

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  5. bat to sahi hai, ishvar kabhi anachar aur galat marg par chalane ki rah nahin dikhata hai. hamare achran ko shaitan hi digbhramit kr sakta hai.

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  6. भगवान और शैतान,श्रृष्टि और विनाश शायद एक ही सिक्के के दो पहलु हैं पर दोनों की मूर्तता अलग-अलग,अस्तित्व अलग-अलग,सो कर्म परिधि भी अलग-अलग.बहुत सुन्दर एवं सूक्षम जीवन-दर्शन.

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  7. मात्र 17 शब्दों में आपनें कर्म सिद्धांत, जीवनदर्शन और मानसिकताएं उल्लेखित कर दी।

    गागर में सागर!!

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  8. aur shaitan ko dhanyavaad jiski wajah se prabhu ko apne hone ka ahsaas karwana padta hai.

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  9. और वो शैतान हमारे अन्दर ही कहीं छुपा होता है

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आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...