सोमवार, 4 अप्रैल 2011

दर्द की पैदावार .....

जो कभी साथ नहीं होते , उनसे उम्मीदें पालना
दर्द की पैदावार बढ़ाना है ........!!

- रश्मि प्रभा

3 टिप्‍पणियां:

  1. सही है .......
    कभी कभी जो साथ होते हैं उनसे उम्मीद पालना भी दर्द की पैदावार बढा देता है

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  2. saath ka arth , saath rahna nahi , saath to door hoker bhi hota hai aadmi aur wahan ummeeden swatah poori hoti hai... ek kee ummeed ek ka sapna banta hai

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  3. Umeed rakhna hi dukhdaayi hota hai...! bina umeed ke kuch karna sach maayno main sukun de jata hai...ILu..!

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