शनिवार, 2 अप्रैल 2011

समझो प्‍यार है ....

बिना प्‍यार के कोई अपना नजरिया नहीं बदल सकता

नजरिया बदल जाये तो समझो प्‍यार है ..............।।

- रश्मि प्रभा
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1 टिप्पणी:

  1. वाह क्या बात कही है ..सोचना पड़ेगा ...कभी कभी बेमतलब की बहसबाजी से बचने के लिए भी तो नजरिया बदल दिया जाता है ..क्या ऐसा नहीं है :):)

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यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...