मेरी ख़ामोशी ने
तिल को ताड़ बना दिया
चलनी ने सूप को निशाना बना लिया !
भयानक बेवाई की तकलीफ से सब गुजरे
नस चढ़ने की वजह से
मेरी चाल लड़खड़ाई
तो सबके मुंह प्रश्नों से भर गए ...
विप्पति में क्या मुझे ही पहचान देनी थी
या पहचान उनकी भी ज़रूरी थी
ख़ुशी हो या दुःख
अपनों की पहचान हो ही जाती है
मुंह में राम और बगल में छुरी हो
तो नज़रें बार बार धोखा नहीं खातीं !
- रश्मि प्रभा
तिल को ताड़ बना दिया
चलनी ने सूप को निशाना बना लिया !
भयानक बेवाई की तकलीफ से सब गुजरे
नस चढ़ने की वजह से
मेरी चाल लड़खड़ाई
तो सबके मुंह प्रश्नों से भर गए ...
विप्पति में क्या मुझे ही पहचान देनी थी
या पहचान उनकी भी ज़रूरी थी
ख़ुशी हो या दुःख
अपनों की पहचान हो ही जाती है
मुंह में राम और बगल में छुरी हो
तो नज़रें बार बार धोखा नहीं खातीं !
- रश्मि प्रभा
:)
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