गहन सम्वेदना समझने वाले विरले ही होते है।
सहमत हूँ आपसे !
बहुत ही गहन संवेदना को ब्यक्त करता हुआ आत्म-चिंतन |बधाई आपको | मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है /जरुर पधारें /
सुन्दर विचार, किसी भी मनुष्य से अपेक्षा करना मानव स्वभाव है,बिना स्थिती,परिस्थती और क्षमता का ध्यान रखेबिना ही लोग अपने मनोइच्छा से अपेक्षा करने लगते हैं,अपेक्षा पूरी नहीं होने पर ,क्रोधित या निराश हो जाते हैं,जो सर्वथा अनुचित है
यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्साहन से एक नये विचार को जन्म देगा ..आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...
गहन सम्वेदना समझने वाले विरले ही होते है।
जवाब देंहटाएंसहमत हूँ आपसे !
जवाब देंहटाएंबहुत ही गहन संवेदना को ब्यक्त करता हुआ आत्म-चिंतन |बधाई आपको |
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है /जरुर पधारें /
सुन्दर विचार,
जवाब देंहटाएंकिसी भी मनुष्य से अपेक्षा करना मानव स्वभाव है,
बिना स्थिती,परिस्थती और क्षमता का ध्यान रखे
बिना ही लोग अपने मनोइच्छा से अपेक्षा करने लगते हैं,अपेक्षा पूरी नहीं होने पर ,क्रोधित या निराश हो जाते हैं,जो सर्वथा अनुचित है