जब सोच की आंखे बरसने लगती हैं, सिसकियों से शब्द निकलते हैं तो लोग उसे कविता कहते हैं .. कभी प्यार आंखों को बोझिल कर देता है और होठों पर बेवक़्त की मुस्कान पन्नों पर शक्ल लेती है तो लोग उसे कविता कहते हैं ... जो भी कहो दिल को छू जाए और लोरी बन जाए, कुछ पल का सुकून बन जाए - उन शब्दों को खुदा कहते हैं .
-रश्मि प्रभा
बिलकुल ......
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