गुरुवार, 25 अक्तूबर 2012

चिंतन

प्रेम शिव है,जो आदिशक्ति का भान कराये - वसुधैव कुटुम्बकम सोचे  
 स्व' प्रेम नहीं....वह मात्र वियोग है- खुद से,संसार से ...

- रश्मि प्रभा 

2 टिप्‍पणियां:

यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...