बराबरी की चर्चा करते करते हमसब अपनी वास्तविक छवि से दूर हो गए.
प्रश्न,समस्या से परे - तार्किक जिद्द ने
दूसरी समस्या उत्पन्न कर दी है समाज में ...
आधुनिकता - परिपक्व,दिशा निर्धारित सोच से संबंध रखती है,
जो मार्ग अवरुद्ध कर दे उसे कपड़े और चाल से आधुनिकता नहीं कह सकते .
- रश्मि प्रभा
सटीक प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंसादर ||