सहमत होने पर हिले, जब हल्का सा शीश ।हुवे असहमत तो भले, क्यूँ जाते हो रीश ?क्यूँ जाते हो रीश, पटकते बम क्यूँ भाई ?पटक रहे अति विकट, पड़े क्या उन्हें सुनाई ?प्रकट करो निज भाव, कहो ना बुरा भला कुछ ।सीखो संयम धैर्य, गया ना कहीं चला कुछ ।
यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्साहन से एक नये विचार को जन्म देगा ..आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...
सहमत होने पर हिले, जब हल्का सा शीश ।
जवाब देंहटाएंहुवे असहमत तो भले, क्यूँ जाते हो रीश ?
क्यूँ जाते हो रीश, पटकते बम क्यूँ भाई ?
पटक रहे अति विकट, पड़े क्या उन्हें सुनाई ?
प्रकट करो निज भाव, कहो ना बुरा भला कुछ ।
सीखो संयम धैर्य, गया ना कहीं चला कुछ ।