मंगलवार, 2 अगस्त 2011

बड़े से बड़ा यज्ञ ....

यदि किसी को तुम्हारी ज़रूरत हो
तो बड़े से बड़ा यज्ञ भी अधूरा छोड़ना
उसकी पूर्णता है.............!!!

रश्मि प्रभा

9 टिप्‍पणियां:

  1. सही कहा है आपने! उत्तम विचार!

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  2. kash aapki bat koi samje.. par kitne log sath nibhate hai..kyoki tabhi hi insan akela hota hai..

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  3. यह प्रेरक विचार वाकई लाजवाब है.....

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यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...