गुरुवार, 7 जुलाई 2011

हाथ धोया नहीं धोया ....












गंगा तो बहती रही है बहती रहेगी
बहती गंगा में किसने हाथ धोया नहीं धोया
इस बात से वह उदासीन होती है .....
पर जिस दिन वह देखती है -
फिर या तो कहर लाती है
या फिर दिशा बदल लेती है .... !!

- रश्मि प्रभा

6 टिप्‍पणियां:

यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...