बुधवार, 20 मार्च 2013

चिंतन ...

ज़िन्दगी उलझती,टूटती पैबन्दों के संग चलती है 
बिना सलवटों की ज़िन्दगी भी भला ज़िन्दगी होती है !

- रश्मि प्रभा 

5 टिप्‍पणियां:

  1. जीने का असली मज़ा तो सिलवटों को सीधा करने में ही आता है ! एक अजब सा आत्मसंतोष जो होता है अपनी उपलब्धियों पर ! बहुत सुंदर !

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  2. होली की हार्दिक शुभकामनायें!!!

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यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
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