शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011

चिंतन अनिवार्य है ...

कर्ण के भीतर का नफरत उसका स्वभाव नहीं था ...
स्वभाव से विपरीत जब नफरत जन्म ले तो चिंतन अनिवार्य है 
माना - कृष्ण नहीं बन सकते , पर पितामह की तरह समझ तो सकते हो !
 
- रश्मि प्रभा 
 
 

3 टिप्‍पणियां:

यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्‍साहन से एक नये विचार को जन्‍म देगा ..
आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...