इतना सन्नता कि सोचने की शक्ति खत्म हो जाती है ...
सन्नाटा ....पढ़ें
सच दीदीबहुत पत्थर-दिल होते हैं आत्महत्या करने वाले....और जो मरने की धमकियाँ देते हैंउन्हीं लोगों को मौत से डर लगता हैसादर
सच कहा है..
समझ नहीं आता आत्महत्या करने वाला बहादुर होता है या कायर ! यह जो भी हो पल भर का चरम आवेश होता है ! उस पल के बीत जाने पर वही व्यक्ति फिर ऐसा कदम नहीं उठा सकता !
क्या कहा जाए ? बहुत सार्थक बात । बधाई । सस्नेह
यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्साहन से एक नये विचार को जन्म देगा ..आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...
इतना सन्नता कि सोचने की शक्ति खत्म हो जाती है ...
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जवाब देंहटाएंसच दीदी
जवाब देंहटाएंबहुत पत्थर-दिल होते हैं आत्महत्या करने वाले....
और जो मरने की धमकियाँ देते हैं
उन्हीं लोगों को मौत से डर लगता है
सादर
सच कहा है..
जवाब देंहटाएंसमझ नहीं आता आत्महत्या करने वाला बहादुर होता है या कायर ! यह जो भी हो पल भर का चरम आवेश होता है ! उस पल के बीत जाने पर वही व्यक्ति फिर ऐसा कदम नहीं उठा सकता !
जवाब देंहटाएंक्या कहा जाए ? बहुत सार्थक बात । बधाई । सस्नेह
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