शांत लहरों में छिपा हाहाकार ... और उससे रिश्ता जोडने का प्रयास ..बहुत हिम्मत चाहिए .
हिम्मत के बगैर कुछ होता कहाँ है ! ज़िन्दगी को समझने के लिए भी हिम्मत चाहिए
aaj fir se ek nayi sikh mil gayi.acche vichar hai
आपकी रचना शुक्रवारीय चर्चा मंच पर है ||charchamanch.blogspot.com
haan, bilkul sahi.....
हाहाकारी मौन को समझना सबके लिए संभव भी नहीं !
जी,इसीलिए तो कहा जाता है की ख़ामोशी की भी जुबां होती है.
यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्साहन से एक नये विचार को जन्म देगा ..आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...
शांत लहरों में छिपा हाहाकार ... और उससे रिश्ता जोडने का प्रयास ..बहुत हिम्मत चाहिए .
जवाब देंहटाएंहिम्मत के बगैर कुछ होता कहाँ है ! ज़िन्दगी को समझने के लिए भी हिम्मत चाहिए
जवाब देंहटाएंaaj fir se ek nayi sikh mil gayi.
जवाब देंहटाएंacche vichar hai
आपकी रचना शुक्रवारीय चर्चा मंच पर है ||
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haan, bilkul sahi.....
जवाब देंहटाएंहाहाकारी मौन को समझना सबके लिए संभव भी नहीं !
जवाब देंहटाएंजी,इसीलिए तो कहा जाता है की ख़ामोशी की भी जुबां होती है.
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