soch kee dor kabhee nahee kat saktee aatmchintan,sabr aatmanveshan aur dhyaan se dishaa parivartit kee jaa saktee hai
सोच की डोर कटने का तात्पर्य शायद समझ में नहीं आया .... जहाँ हम किश्तों में मर रहे होते हैं , वहाँ से सोच की दिशा बदल देनी चाहिए अन्यथा पूरी बेवजह की सोच लिए हम मर जायेंगे
सही कहा है आपने वर्ना ये किश्तों की मौत जारी ही रहेगी...
prerak vaky.
सबसे अच्छा तरीका है मौत जैसे क्षणों से बाहर आने का !
आनंद जी का कहना सही है .....!
यह प्रेरक विचार आपके प्रोत्साहन से एक नये विचार को जन्म देगा ..आपके आगमन का आभार ...सदा द्वारा ...
soch kee dor kabhee nahee kat saktee
जवाब देंहटाएंaatmchintan,sabr aatmanveshan aur dhyaan se dishaa parivartit kee jaa saktee hai
सोच की डोर कटने का तात्पर्य शायद समझ में नहीं आया .... जहाँ हम किश्तों में मर रहे होते हैं , वहाँ से सोच की दिशा बदल देनी चाहिए अन्यथा पूरी बेवजह की सोच लिए हम मर जायेंगे
जवाब देंहटाएंसही कहा है आपने वर्ना ये किश्तों की मौत जारी ही रहेगी...
जवाब देंहटाएंprerak vaky.
जवाब देंहटाएंसबसे अच्छा तरीका है मौत जैसे क्षणों से बाहर आने का !
जवाब देंहटाएंआनंद जी का कहना सही है .....!
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